परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने केलिए कौन-कौन से तर्क दिए?
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परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए -
(1) हमें तो यह असाधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा।
(2) श्री राम को तो ये धनुष, नए धनुष के समान लगा।
(3) श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत: टूट गया।
(4) इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था।
(5) उन्होंने ऐसे अनेक धनुषों को बालपन में यूँ ही तोड़ दिया था। इसलिए यही सोचकर उनसे यह कार्य हो गया।
(1) हमें तो यह असाधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा।
(2) श्री राम को तो ये धनुष, नए धनुष के समान लगा।
(3) श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत: टूट गया।
(4) इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था।
(5) उन्होंने ऐसे अनेक धनुषों को बालपन में यूँ ही तोड़ दिया था। इसलिए यही सोचकर उनसे यह कार्य हो गया।
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Answer :
- प्रस्तुत काव्य रचना गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखे गये रामचरितमानस के बालकाण्ड से ली गयी है| सीता स्वयंवर में राम द्वारा शिव धनुष तोड़ दिये जाने पर परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने कई तर्क दिये। उन्होंने परशुराम से इस बारे में कहा की श्री राम ने आजतक खेल-खेल में कई धनुष तोड़े हैं। वे सारे धनुष कमजोर थे।
- किसी ने तो आजतक उन धनुषों के टूटने पर इस बारे में श्रीराम से या मुझसे पूछताछ नहीं की। उन्होंने आगे परशुराम से कहा कि जिस धनुष के टूटने की अभी आप बात कर रहें हैं वह धनुष भी काफी कमजोर था। ऐसा प्रतीत हो ही रहा था कि धनुष एक झटके में टूट जाएगा क्योंकि यह धनुष काफी पुराना लग रहा था और यह काफी जर्जर भी हो चुका था। इसमें कौन सी ऐसी अचरज की बात है कि यह श्री राम के हाथ लगाने मात्र से टूट गया।
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