Hindi, asked by pankaj188861, 6 months ago

परशुराम का क्रोध ना ही व्यर्थ था और ना ही अकारण था ? क्यो और कैसे स्पष्ट किजीये ।​

Answers

Answered by unbeatablemishra
1

ANSWER

BY UNBEATABLE MISHRA

उत्तर -

परशुराम का क्रोध ना तो व्यर्थ था और ना तो अकारण क्युकी

क्रोधित वो इसलिए हो गए थे क्युकी जो धनुष प्रभु श्री राम ने तोड़ा तोड़ा था वो उनके आराध्य भगवान शिव जी का था जो उन्होंने सीता माता के पिता राजा जनक उनकी सेवा के कारण भेट स्वरूप दिया था। और व्यर्थ इसलिए नहीं गया क्युकी जब परशुराम जी का संवाद प्रभु श्री राम से पूर्ण हुआ और जो चुनौती परशुराम जी ने राम जी को दी थी वो उन्होंने पूर्ण कर दी। तो उन्हें ये समझ में आ गया था ये और कोई नहीं उनके आराध्य के प्रिय स्वयं विष्णु का अवतार हैं।

तब प्रभु श्री राम ने परशुराम जी से मुस्कुराते हुए पूछा कि है ब्राह्मण देवता बताइए में आपकी कहीं भी तुरंत आने जाने की शक्ति को क्षीड के दू या आपके अहंकार को तब परशुराम जी ने उत्तर दिया कि प्रभु मेरे इस हानिकारक प्रभाव वाले अहंकार को आप नष्ट कीजिए ।तब प्रभु श्री राम ने उनके आहंकर्र का नाश के दिया ।इस प्रकार ब्राह्मण देवता श्री परशुराम जी के अहंकार का नाश हो गया और उनका क्रोध करना ना व्यर्थ भी ना गया।

Similar questions