परदे के महत्व पर लेखक और प्रेमचंद के विचारों में क्या अंतर था ?
I will mark the right answer as brainliest and please dont spam || Tell fast its urgent ||
Answers
Answered by
8
Answer:
प्रेमचंद ने कभी पर्दे को अर्थात लुकाव-छिपाव को महत्व नहीं दिया। उन्होंने वास्तविकता को कभी ढँकने का प्रयत्न नहीं किया है। लोग अपनी बुराइयों को कभी छिपाने का प्रयास नहीं किया। वे भीतर-बाहर एक समान थे।
Explanation:
Is it right??
hope it helps
mark me as Brainliest
Similar questions