Hindi, asked by manitabhosom, 7 months ago

परवान गद्यांश
नख-घर मनुष्य अब एटम बम पर भरोसा
करके आगे की ओर चल पड़ा है।पर उसके
माखन अब भी बढ़ रहे है। अब भी प्रकृति
मनुष्य को उसके भीतर वाले अस्व से
वंचित नही कर रही है,अन मीवह याद
दिला देती है कि तुम्हारे नामून डो मुलाया
नही जा सकता।
TY ON​

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Answered by vkg481
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Explanation:

i don't understand Hindi, can u type in English please

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