parda Kahani ki Mul samvedna
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kya aap yahi question kal fir se dal sakte hai
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यशपाल जी द्वारा लिखी गई परदा कहानी
कहानी का मूल संवेदना
यशपाल की कहानी ‘परदा’ दरअसल मध्यवर्गीय समाज की विडंबनाओं और की कहानी है। जिन लोगों की सारी कोशिश हमेशा अमीर बनने की होती है, जो खुद से रईस लोगों की दिनचर्या का पालन करते हैं, उनके जैसा बनना चाहते हैं और अपनी गुरबत को छिपाते रहते हैं। वे न तो अमीर की श्रेणी में आ पाते हैं न ग़रीबों की तरह अपनी ग़रीबी स्वीकार कर जी पाते हैं। इस कहानी का मुख्य किरदार यूं तो वह परदा ही है जो एक घर की लाज बनाने की कोशिश अपने अंतिम रेशे, अपने अंतिम धागे तक करता है। पर चूंकि यह परदा चौधरी पीरबक्श के मकान पर टंगा था तो सारा किस्सा उन्हीं की सहारे चलता था।कहानी के अंत में से परदा हट चुका था । सब को उनके घर के हालत के बारे में पता चल गया था|
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