Hindi, asked by Gulabbachal, 1 year ago

Pariksha mein nakal krte pakde gye chatr aur uske pita ke bich hui baatcheet ko samvaad ke roop mein likhiye

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Answered by NightFury
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बच्चे स्कूल की शुरुआत अपने घर में और सुमदाय में दूसरों के संपर्क से प्राप्त विचारों, भाषाओं, ज्ञान, कौशलों और अवधारणाओं के साथ करते हैं। बच्चे जब उनके सतत विकास के लिए मुख्य संसाधनों के रूप में उनकी भाषायी और सांस्कृतिक क्षमताओं की पहचान कर लेते हैं, तो स्कूल में उनकी औपचारिक शिक्षा और भी ज्यादा प्रभावी हो जाएगी।

इस इकाई में आप अपने भाषा और साक्षरता अध्यापन में छात्रों के घर और समुदाय के अनुभवों के महत्व और उपयोग के तरीकों को जानेंगे।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

अपने छात्रों के बारे में ज्यादा जानने के मौके अपनी कक्षा की दिनचर्या में किस तरह शामिल करें।

किस तरह ऐसे भाषा–पाठों की योजना बनाएँ, जिनमें आपके छात्रों के स्कूल-से-बाहर के अनुभवों का उपयोग हो सके।

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

छात्र अपना अधिकांश समय घर और समुदाय में अनौपचारिक रूप से सीखने में लगाते हैं। हालांकि, पाठ्यपुस्तक को ही निर्देशों का मुख्य मानने की प्रवृत्ति का अर्थ यह है कि छात्र जिस कौशल, ज्ञान और अनुभवों के साथ कक्षा में आते हैं, शिक्षक उन्हें अनदेखा कर सकते हैं।

छोटे बच्चे जब पहली बार स्कूल आते हैं, तो जिन अपरिचित लोगों, दिनचर्या और भाषा से उनका सामना होता है, उससे वे अचंभित हो सकते हैं। आपने छात्रों के ज्ञात सांस्कृतिक अभ्यासों और भाषाओं की विविधता को महत्व देकर, आप उन्हें इस नए माहौल में ज्यादा सुरक्षित महसूस करा सकते हैं।

बच्चों को हर दिन घर-आधारित शिक्षा और स्कूल-आधारित शिक्षा के बीच एक पुल पार करना पड़ता है। इस परिवर्तन को सरल बनाने के लिए इस इकाई में सुझाव दिए गए हैं, जिनसे शिक्षकों और छात्रों दोनों को समान रूप से लाभ होगा।

1 स्कूल से बाहर छात्रों की 

Answered by gurmannoorsingh
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sorry i don't know this answer

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