Hindi, asked by ratnabarve, 1 year ago

pariksha samapt hone par diary lekhan​

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Answered by terabaap167
6
परीक्षा के कठिन दिन

प्रत्येक
विद्यार्थी के जीवन में परीक्षा बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। परीक्षा शुरू होते ही
बच्चों पर दबाव बढ़ जाता है। परीक्षा चाहे कोई भी हो, परीक्षा तो परीक्षा ही है। और
इसके लिए तैयारी तो करनी पड़ती है। परीक्षा खत्म होने तक का समय बड़ा ही कठिन होता
है। यह समय न केवल छात्रों के लिए अपितु माता-पिता के लिए भी यह दौर कठिन ही होता
है।

परीक्षा
के कुछ दिन पहले से लेकर परीक्षा समाप्त होने तक विद्यार्थियों का पूरा ध्यान
पढ़ाई-लिखाई पर केंद्रित हो जाता है। खेलकूद लगभग बंद हो जाते है। टीवी देखना,
घूमने जाना न के बराबर होता है। मनपसंद कार्यक्रम देखने को नहीं मिलते है। और अगर
परीक्षा बोर्ड की हो तो फिर रातों की नींद और भूख भी कम हो जाती है।

ऐसे में
अगर घर में कोई मेहमान आ जाए तो अच्छा नहीं लगता। घर में भाई बहनों के शोर मचाने
से झुंझलाहट होने लगती है। परीक्षा वाले दिन बैचेनी और अधिक बढ़ जाती है। आरंभ से
लेकर अंत तक मन में डर होता है। और जैसे ही पूरी परीक्षा समाप्त होती है वैसे ही
विद्यार्थी राहत की सास लेते है।

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ratnabarve: acche se bejna
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