Parikshya se dar lagta hai anuched.
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Explanation:
परीक्षा का भय एक ऐसा एहसास है जो सभी विद्यार्थियों को होता है। अगर सभी विद्यार्थियों को नहीं भी होता हो तो यह ज्यादातर विद्यार्थियों को तो होता ही है। पर ऐसा क्यों होता है इसका कारण स्वयं विद्यार्थियों को मालूम होना चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि विद्यार्थी साल भर उस श्रम और लगन से पढ़ाई नहीं करते हैं, जिस श्रम और लगन से समय का सदुपयोग करके पढ़ाई करनी चाहिए और परीक्षा नजदीक आते ही एकदम से पढ़ने में जुट जाते हैं।परीक्षा के भय के निवारण के लिए शिक्षा व्यवस्था में सुधार होना चाहिए और परीक्षा को एक सहज प्रवृत्ति के रूप में विकसित करना चाहिए ना कि एक हौआ के रूप में। विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में पूरे साल निरंतरता रखनी चाहिये न कि ये कि परीक्षा के दिनों में पढ़ाई ज्यादा की और साल भर लापरवाही से पढ़ाई की।
Explanation:
परीक्षा का भय एक ऐसा एहसास है जो सभी विद्यार्थियों को होता है। जो छात्र मेधावी और परिश्रमी होते हैं वो पूरे वर्ष पर निरंतर पढ़ाई करते रहते हैं उनके मन में परीक्षा के समय भय नहीं होता है, क्योंकि उन्होंने अपनी पढ़ाई भली-भांति की है और परीक्षा की तैयारी अच्छे से की है।