parilok ki sair short anuched in hindi
Answers
परी लोक की सैर
मुझे परियां बहुत पसंद है। मैं परी कथाएं अक्सर पढ़ती रहती हूं। एक दिन मैं परी कथा पढ़ रही थी, तभी मुझे लगा कोई मेरे पास खड़ा है। मैंने सिर उठा कर देखा तो एक सुंदर सी परी जिसके दो पंख थे और उसका चेहरा चमक रहा था, बाल सुनहरे थे उसकी सुंदरता गजब की थी, मेरे सामने खड़ी थी। उसने सफेद रंग के वस्त्र पहन रखे थे। उसके हाथ में एक छड़ी थी।
वह परी बोली मैं तुम्हें परी लोक की सैर कराने के लिए ले जाने आई हूं। मैं खुशी से उछल पड़ी। मैं जो चाहती थी वो मेरे मन की इच्छा पूरी हो रही थी। मैं तुरंत उसके साथ चलने के लिए तैयार हो गई। वो मुझे अपने साथ परीलोक ले गई। वहाँ एक सुंदरा महारानी परी थी। उसके चारों तरफ अनेक सुंदर सुंदर परियां खड़ी थीं। मुझे लगा कि वो उस परी लोक की रानी थी उसके आदेश का सब पालन कर रहे थे।
जो परी मुझे अपने साथ लाई थी वह भी उस पर परी रानी के आगे सिर झुका कर बोली रानी साहिबा मैं इस लड़की को ले आई हूं। तब उस पर परी रानी ने कहा, - बालिके के तुम परी कथा बहुत पढ़ती थी और तुम्हारे मन में परीलोक घूमने की बहुत इच्छा उत्पन्न होती थी। मैंने अपनी जादुई विद्या से तुम्हारे मन की बात जान ली थी। इसलिए तुम्हें परी की परी लोक की सैर कराने के लिए मैंने अपनी इस दासी परी को भेजा था। आओ तुम्हें परी लोक की सैर करा दे। छोटे-छोटे बच्चों की इच्छायें पूरी करना हम परियों का कर्तव्य और धर्म है।
फिर उस परी ने एक अन्य परी को आदेश देते हुए कहा इस बच्ची को पूरे परी लोक की सैर कराओ, अच्छे से खिलाओ। कुछ दिन उसको यहां पर आनंद से रहने दो। वह मुझे एक सुंदर से महलनुमा घर में ले गए। वहां उन्होंने मुझे सुंदर-सुंदर वस्त्र पहनने को दिए और सुगंधित इत्र का छिड़काव किया। फिर वह मुझे परी लोक की सैर कराने ले गई। जगह-जगह सुंदर बाग बगीचे थे।
चारों तरफ मनमोहक वातावरण में मदमस्त होकर परीलोक के सुंदर दृश्य को देखती रह गई। तभी चलते-चलते मुझे ठोकर लगी और मुझे लगा कि मैं गिर पड़ी हूं और जब फिर मेरी आंख खुल गई तब मुझे मालूम पड़ा कि मैं तो सपना देख रही थी और मैं सच में कहीं नहीं गई थी बल्कि सपने में परी लोक की सैर करके आई थी। ये अनुभव अनोखा था। सपने में ही सही मैने परीलोक की सैर तो की।