Parimey ghatank ya mulank relative que ask
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किसी संख्या पर घात लगाना या घातांकन ( लोग द्वितीयघात को चतुष्कोण संख्या अथवा घात कहते थे। डायोफ़ैंटस ने २७५ ई. के लगभग तृतीय घात को 'घन' कहा, चतुExponentiation या Involution, इनवॉल्यूशन) एक गणितीय संक्रिया है जिसमें किसी संख्या को लगातार अपने से दो या अधिक बार गुणा किया जाता है। जितने बार गुणा किया जाता है, वह उस संख्या का 'घात' कहलाता है। घात को संख्या के ऊपर दाहिनी ओर थोड़ा हटाकर लिखा जाता है; इस प्रकर ३४ = ८१। घातक्रिया में दो संख्याएँ उपयोग की जाती हैं- आधार (बेस) a एवं घातांक (exponent) n. जब n धन पूर्णांक होता है तो घातांकन a का स्वयं से बार-बार गुणन को दर्शाता है।
घात-संकेत के आविष्कार के पहले युनानीर्थ घात को 'घातघात' और पंचमधात को 'घातधन', इत्यादि। इस नामावली में घातों को जोड़ने का नियम बरता गया है।
घात क्रिया मूलक्रिया (root finding) का विलोम है। मूल क्रिया में संख्या का कोई मूल (जैसे वर्गमूल) ज्ञात किया जाता ह