parishram ka mahatva essay in hindi
Answers
परिश्रमी व्यक्ति अपने कर्म के द्वारा अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं । उन्हें जिस वस्तु की आकांक्षा होती है उसे पाने के लिए रास्ता चुनते हैं । ऐसे व्यक्ति मुश्किलों व संकटों के आने से भयभीत नहीं होते अपितु उस संकट के निदान का हल ढूँढ़ते हैं। अपनी कमियों के लिए वे दूसरों पर लांछन या दोषारोपण नहीं करते ।
दूसरी ओर कर्महीन अथवा आलसी व्यक्ति सदैव भाग्य पर निर्भर होते हैं । अपनी कमियों व दोषों के निदान के लिए प्रयास न कर वह भाग्य का दोष मानते हैं । उसके अनुसार जीवन में उन्हें जो कुछ भी मिल रहा है या फिर जो भी उनकी उपलब्धि से परे है उन सब में ईश्वर की इच्छा है । वह भाग्य के सहारे रहते हुए जीवन पर्यंत कर्म क्षेत्र से भागता रहता है । वह अपनी कल्पनाओं में ही सुख खोजता रहता है परंतु सुख किसी मृगतृष्णा की भाँति सदैव उससे दूर बना रहता है ।
परिश्रम का महत्व |
Explanation:
कठोर परिश्रम एक महान गुण है। कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है। हम कड़ी मेहनत करके प्रगति कर सकते हैं। वे देश जिनके नागरिक परिश्रमी हैं, वे महान प्रगति कर सकते हैं। बिना परिश्रम के सफलता मिलनी असंभव है। एक निष्क्रिय व्यक्ति कभी भी कुछ हासिल नहीं कर सकता है यदि वह बेहतर अवसर आने की प्रतीक्षा करता है तो | जो व्यक्ति कड़ी मेहनत कर रहा है, वह जीवन में सफलता और खुशी हासिल करने में सक्षम है। बिना मेहनत किए जीवन में कुछ भी हासिल करना आसान नहीं है।
काम करने के लिए निरंतर सतर्कता और तत्परता वह मूल्य है जो हमें जीवन में सफलता के लिए चुकाना पड़ता है। काम एक विशेषाधिकार और खुशी है, आलस्य एक विलासिता है जिसे कोई नहीं झेल सकता। मनुष्य जीवन में काम और समृद्धि के लिए पैदा हुआ है। इसीलिए हमे निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए |
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