parishram ka mehtav shalok with sarlarth
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परिश्रम के बिना जीवन की सार्थकता नहीं है परिश्रम के बिना न विद्या मिलती है और न धन। परिश्रम के बिना खाया गया भोजन भी स्वादहीन होता है। अतः हमें सदैव परिश्रम करना चाहिए। परिश्रम से ही कोई देश, समाज और परिवार उन्नति करता है।
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