Parishram ke anukaran udaharan
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परिश्रम का अनुकरणीय उदाहरण
परिश्रम से क्या नहीं संभव होता। मेहनती व्यक्ति के लिए कुछ भी असंभव कार्य नहीं है, जो मेहनत करता है वह अपने दम पर कुछ भी हासिल कर सकता है। हम जीवन में अपने आसपास ऐसे अनेक उदाहरण देखते हैं जो परिश्रम की सीख देते हैं।
मनुष्य के अलावा सभी जीव-जंतु भी बेहद परिश्रम करते हैं और वह परिश्रम द्वारा ही अपने लिए भोजन का प्रबंध कर पाते हैं या अपने अन्य कार्यों का संपादन कर पाते हैं। चींटी को देखो वह अपने वजन से 5 गुना लेकर चलती है। वो ऊपर चढ़ती है, गिरती है फिर भी हार नहीं मानती अंततः वह अपने वजन से अधिक के भार को लेकर अपने लक्ष्य तक पहुंची जाती है।
मैंने देखा एक चींटी को जो चीनी के दाने को ले जा रही थी। उसे चीनी के दाने को निकलने में काफी परिश्रम करना पड़ा था। चीनी का दाना, उसके आकार से काफी बड़ा था। फिर भी वह चीनी के दाने को लेकर दीवार पर चढ़ने का प्रयत्न कर रही थी। वह बार-बार असफल हो रही। अंततः वह दीवार को चढ़ने में कामयाब रही और एक छोटे से छेद में घुस गई जहां पर शायद उसका ठिकाना होगा।
इस तरह जब एक छोटी सी चींटी अपने परिश्रम के बल पर अपने कार्य को सिद्ध कर सकती है। तो हम मनुष्य क्यों नहीं कर सकते जो हमें भगवान ने इतनी शक्ति और सामर्थ्य दिया है। इसलिए परिश्रम का महत्व बेहद खास है और परिश्रम व्यक्ति कभी भी जीवन में असफल नहीं होता। अपनी सच्ची मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को पा ही लेता है।
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परिश्रम का अनुकरणीय उदाहरण
मनुष्य के अलावा सभी जीव-जंतु भी बेहद परिश्रम करते हैं और वह परिश्रम द्वारा ही अपने लिए भोजन का प्रबंध कर पाते हैं या अपने अन्य कार्यों का संपादन कर पाते हैं। चींटी को देखो वह अपने वजन से 5 गुना लेकर चलती है। ... मैंने देखा एक चींटी को जो चीनी के दाने को ले जा रही थी।