Paristhitk tantr me vibhin parkar ke jaev- rashaynik chkro Ka varnan kre
Answers
Answer:
आप जानते हैं कि शायद पृथ्वी सौर मण्डल का ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन का अस्तित्व है। पृथ्वी का वह भाग जो जीवन को बनाये रखता है जैव मण्डल कहलाता है। जैव मण्डल अति विशाल है और इसका अध्ययन एकल इकाई के रूप में नहीं किया जा सकता है। इसे अनेक स्पष्ट क्रियात्मक इकाइयों में विभाजित किया गया है जिन्हें पारितंत्र कहते हैं। इस पाठ में आप पारितंत्र की संरचना और कार्यों के बारे में अध्ययन करेंगे।
उद्देश्य
इस पाठ के अध्ययन के समापन के पश्चात आपः
- पारितंत्र की संकल्पना का वर्णन कर सकेंगे;
- पारितंत्र के दो मुख्य घटकों की पहचान कर सकेंगे;
- तालाब का उदाहरण देकर पारितंत्र के घटकों का वर्णन कर सकेंगे;
- कुछ प्राकृतिक तथा मानव-रूपांतरित पारितंत्रों की सूची बना सकेंगे;
- खाद्य शृंखला में ऊर्जा प्रवाह का वर्णन कर सकेंगे;
- विभिन्न पोषण स्तरों, उत्पादकों, उपभोक्ताओं तथा अपघटकों के बीच अन्तर कर सकेंगे;
- खाद्य शृंखला की रचना कर सकेंगे तथा स्थलीय और जलीय पारितंत्र को दर्शा सकेंगे;
- खाद्य जाल को परिभाषित कर सकेंगे;
- पारिस्थितिक पिरामिड, संख्या पिरामिड, जैव द्रव्य पिरामिड तथा ऊर्जा पिरामिड को परिभाषित कर सकेंगे;
- पारिस्थितिक दक्षता का वर्णन कर सकेंगे;
- पारितंत्र के विकास का वर्णन कर सकेंगे;
- संतुलित पारितंत्र को बनाए रखने के महत्त्व का वर्णन कर सकेंगे।
5.1 पारितंत्र (ECOSYSTEM)
पिछले पाठ में आपने सीखा कि प्रकृति में जीवों के विभिन्न समुदाय एक साथ रहते हैं और परस्पर एक दूसरे के साथ-साथ अपने भौतिक पर्यावरण के साथ एक पारिस्थितिक इकाई के रूप में अन्योन्यक्रिया करते हैं। हम इसे पारितंत्र कहते हैं। पारितंत्र या पारिस्थितिक तंत्र (ecosystem) शब्द की रचना 1935 में ए-जी- टैन्सले के द्वारा की गई थी। एक पारितंत्र प्रकृति की क्रियात्मक इकाई है जिसमें इसके जैविक तथा अजैविक घटकों के बीच होने वाली जटिल अन्योन्यक्रियाएँ सम्मिलित हैं। उदाहरण के लिये तालाब पारितंत्र का अच्छा उदाहरण है।
5.1.1 पारितंत्र के घटक
पारितंत्र के घटकों को दो समूहों में बांटा गया है।
(क) अजैविक तथा (ख) जैविक
पारितंत्र के घटक(क) अजैविक घटक (निर्जीव): अजैविक घटकों को निम्नलिखित तीन वर्गों में विभाजित किया गया हैः
(I) भौतिक कारक (Physical factor): सूर्य का प्रकाश, तापमान, वर्षा, आर्द्रता तथा दाब। यह पारितंत्र में जीवों की वृद्धि को सीमित और स्थिर बनाए रखते हैं।
(II) अकार्बनिक पदार्थः कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फ़ास्फ़ोरस, सल्फर, जल, चट्टान, मिट्टी तथा अन्य खनिज।
(III) कार्बनिक पदार्थः कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड तथा ह्यूमिक पदार्थ यह सजीव तंत्र के मूलभूत अंग हैं और इसीलिये ये जैविक तथा अजैविक घटकों के बीच की कड़ी हैं।
(ख) जैविक घटक (सजीव):
(I) उत्पादक (Producer): हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण के द्वारा पूरे पारितंत्र के लिये भोजन का निर्माण करते हैं। हरे पौधे स्वपोषी कहलाते हैं क्योंकि यह इस प्रक्रम के लिये मिट्टी से जल एवं पोषक तत्व, वायु से कार्बनडाइऑक्साइड प्राप्त करते हैं, तथा सूर्य से सौर ऊर्जा अवशोषित करते हैं।