Hindi, asked by rajeshkumar905037091, 3 months ago

Parivartan hi sansaar ka niyam hai par nibandh
please answer quickly ​

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Answered by nautiyalkrish25
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गीता में भगवान् श्री कृष्ण जी ने कहा था की परिवर्तन संसार का नियम है . और मुझे ऐसा लगता है की ये बात बिलकुल ही सही है जो हम लोग हमेशा ही देखते हैं और सुनते है. आज हम जिस समाज में रहते हैं . अगर उसी के बात करें तो हम सब देखेंगे की हम लोग क्या थे और अब क्या है और आगे पता नहीं क्या होंगे. ऐसा नहीं लगता है आपको ! मुझे तो लगता है . और मै सोचता भी हूँ , पता नहीं क्या होगा ? हमारे परिवार का हमारे समाज का , हमारे देश का . क्यूँ जिस तरह से हमारा परिवर्तन हो रहा है . उससे तो यही लगता है . की हम पिछले युग से भी बहुत ही तेज चल रहे हैं.

जो किसी और युग में नहीं हुआ होगा . वो अब हमारे इस युग में हो रहा है . जहा तक मुझे याद है और जहा से मुझे याद है . आज मै अपने जिन्दगी का ३ दशक देख चूका हूँ. तो इतना तो मुझे भी पता चल गया है . की समाज पहले कहा था और आगे कहा जायेगा ....और अभी क्या है.

जितने बदलाव हमारे रिश्ते में आये है. मतलब जो परिवर्तन हमारे रिस्ते में हुए हैं ..शायद ही कोई क्षेत्र हो जहा हुआ होगा.

क्यूँ आप खुद सोच्येगा .क्यूँ की आज का जो सोचते हो दायरा इतना सिमट चूका है की इंसान ने कभी सोचा भी नहीं होगा की हम लोगों की सोच इतना बदल और सिमट जायेगा . नहीं कभी नहीं. क्यूँ वो आशा के विपरीत हो रहा है . उसका क्या कारण हो सकता है . वो कैसे बदल सकते है . उसको सुधर कैसे सकते हैं. सब कुछ जवाब हमारे पास है. लेकिन हम खुद कुछ न करना चाहते है और न ही कुछ करना चाहते हैं. तो फिर कैसे संभव है ...कभी कोई सोचा है क्या. ....नहीं कभी नहीं .....आज के रिश्ते कब बनते हैं...और कब टूट जाते है. ये ना बनाने वाले जानते हैं. ना ही तोड़ने वाले जानते हैं. अभी तो हम कुछ कहना नहीं चाहते हैं....लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है.....वो हम आगे आपके साथ बाटना चाहेंगे....तब तक के लिए प्रणाम !

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