paropkar sabse bada dharm in hindi
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मनुष्य को अपने जीवन में सबकी मदद करनी चाहिए। परोपकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म होता है। जीव, जंतु आदि को पीड़ा देना सबसे बड़ा अधर्म होता है। कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। सत्य ईश्वर का प्रतीक होता है व झूठ अधर्म का प्रतीक। उक्त बातें महाराणा प्रताप चौक स्थित सामुदायिक भवन में स्व. लक्ष्मीकांत देशपांडे की स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में अयोध्या से आए पं. नरेंद्र रामदास ने कहा।
कथा में उन्होंने शुक्रवार को कपिल भगवान के अवतार और ध्रुव चरित्र के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ध्रुव जी की सौतेली माता कहा कि जब तक आप मेरे गर्भ से उत्पन्न नहीं होंगे, तब तक आप अपने पिता की गोद में बैठने योग्य नहीं होंगे। नारद के सदुपदेश के बाद ध्रुव भगवान की तपस्या करने बैठ गए। 5 महीने कठिन तपस्या के बाद छठवें महीने में ध्रुव को भगवान ने दर्शन दिया। इसके बाद भगवान ने संघ का स्पर्श ध्रुव के गाल पर किया। भगवान के स्पर्श मात्र से ही ध्रुव को वेद-वेदांत का ज्ञान हो गया।
भजन पर झूमे भक्त
कथा के दौरान पं. नरेंद्र ने तेरी बन जाएगी गोविंद गुण गाइसे..., ध्रुव जी की बन गई, प्रहलाद जी की बन गई... आदि भजन प्रस्तुत किए। इन भजनों को सुनकर श्रद्धालु झूम उठे।
अजामिल प्रसंग आज
श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में शनिवार को पं. नरेंद्र रामदास महाराज अजामिल प्रसंग और प्रहलाद चरित्र का वर्णन करेंगे। 22 मई को रामजन्म, कृष्णा अवतार, 23 काे गोवर्धन पूजा, 24 को राम प्रसंग, श्री कृष्ण लीला, श्री कृष्ण रुक्मणि विवाह का वर्णन करेंगे।