Parsai ji sammelan me kyu gayi the lesson name imandaro ke sammelan me
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ईमानदारों के सम्मलेन में परसाई जी कुछ ज़्यादा पैसों की लालच में गए।
Explanation:
- यह हरसिहंकार परसाई द्वारा रचित व्यंग्य 'ईमानदारों के सम्मलेन' की घटना है।
- एक बार परसाई जी को ईमानदारों के सम्मलेन से बुलावा आया।
- परसई जी ने सोचा मेरा ईमानदारी से कोई लेना देना नहीं है , परन्तु वे आने जाने का पूरा किराया देने की बात कर रहे थे।
- इस कारण परसाई जी ने सोचा की वह दूसरे श्रेणी से यात्रा करके प्रथम श्रेणी का किराया वसूल लेगें।
- इस उद्देश्य से वह ईमानदारों के सम्मलेन में गए।
व्यंग्य और कटाक्ष में अंतर।
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