Parshuram ke bare mein kaun si Baat Vishesh prasidh thi
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He was a great guru of karna
परशुराम
भगवान परशुराम का जन्म वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ था। इस तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व भी मनाया जाता है। भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार है। कलयुग में आज भी ऐसे 8 चिरंजीव देवता और महापुरुष है जो जीवित हैं। इन्हीं 8 चिरंजीवियों में एक भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम भी हैं। अक्षय तृतीया के दिन ही इनकी जयंती मनाई जाती है।
भगवान शिव के परमभक्त परशुराम न्याय के देवता हैं, इन्होंने 21 बार इस धरती को क्षत्रिय विहीन किया था। परशुरामजी का उल्लेख रामायण, महाभारत, भागवत पुराण और कल्कि पुराण इत्यादि अनेक ग्रन्थों में किया गया है।
वह अहंकारी क्षत्रियों का पृथ्वी से २१ बार संहार करने के लिए प्रसिद्ध हैं। यही नहीं इनके क्रोध से भगवान गणेश भी नहीं बच पाये थे। परशुराम में अपने फरसे से वार कर भगवान गणेश के एक दांत को तोड़ दिया था जिसके कारण से भगवान गणेश एकदंत कहलाए जाते है। वह धरती पर वैदिक संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना चाहते थे। कहा जाता है कि भारत के अधिकांश ग्राम उन्हीं के द्वारा बसाये गये। जिस मे कोंकण, गोवा एवं केरल का समावेश है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान परशुराम ने तीर चला कर गुजरात से लेकर केरला तक समुद्र को पीछे धकेल देते हुए नई भूमि का निर्माण किया,और इसी कारण कोंकण, गोवा और केरला मे भगवान परशुराम वंदनीय है।