parvat arohi yatra par nibandh 160 words only
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मैदानी इलाकों की गरमी प्राय: यहाँ के वासियों को दूर पर्वतों की गोद में जाने के लिए बाध्य करती है। वैसे कुछ लोग तो सरदी की बर्फ में भी पहाडी चोटियों का सौंदर्य निहारने पहुँच जाते हैं। हमारा भी गरमी की छुट्टियों में नैनीताल पर्वतीय स्थल पर जाने का कार्यक्रम बना।
यहाँ की ताजी हवा खाने के बाद हम पुनः गरमी में जाने के लिए तैयार थे। अगले वर्ष भी हमें इस स्वच्छ वातावरण का आनंद उठाने का अवसर मिले, हम यही कामना करते हैं।
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हरिद्वार में हमारे गुरुजी का आश्रम है। हरिद्वार में हम सबने गंगाजी में स्नान कर आरती का आनंद लिया। हरिद्वार बहुत ही सुंदर तीर्थस्थल है। सबसे पहले हम गुरुजी के आश्रम गए। फिर हमने मंदिरों के दर्शन किए। वहां हरि की पौड़ी के सामने मनसा देवी का मंदिर है। दूसरी तरफ पहाड़ी पर चंडी देवी का मंदिर है। हरिद्वार में बहुत सुंदर मंदिर बने हैं।
दर्शनों के बाद हम हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर ऋषिकेश गए। वहां राम व लक्ष्मण झूला नामक पुल है। यह पुल गंगा नदी पर बने हैं। पहाड़ों के बीच बहती गंगा नदी का दर्शन बड़ा मनोरम प्रतीत होता है। यहां से खूब बड़े-बड़े पहाड़ दिखते हैं।
हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी पर हमने मस्ती की। मुझे वहां नई-नई जानकारी मिली।
हरिद्वार में दूर-दूर से श्रद्वालु दर्शन के लिए आते हैं। यहां हर 12 साल में कुंभ का मेला लगता है। कुंभ के मेले में बहुत से साधु-संत आते हैं। हरिद्वार से लगभग कुछ ही दूरी पर ब्रदीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के पवित्र धाम भी हैं। हमारी यात्रा बहुत ही रोमांचक व यादगार रही।