parvat aur sagar hamein kya sikh deta ha class 4 hindi प्रकृति का संदेश
कविता
पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँचे बन जाओ। सागर कहता है लहराकर, मन में गहराई लाओ।
समझ रहे हो क्या कहती है, उठ-उठ, गिर-गिर, तरल तरंग।
भर लो, भर लो अपने मन में,
मीठी-मीठी मृदुल उमंग।
पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो, कितना ही हो सिर पर भार ।
नभ कहता है फैलो इतना, ढक लो तुम सारा संसार
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right
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