Hindi, asked by jawaidsaman7234, 11 months ago

Paryabaran ke bare me patra likhan

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Answered by LaghudeepSingh
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Answer:

सेवा में,

श्रीमान् सम्पादक महोदय,

राष्ट्रीय सहारा,

अम्बेडकर मार्ग

नई दिल्ली ।

3 मार्च, 2015

विषय : पर्यावरण एवं प्रकृति

मान्यवर,

पर्यावरण एवं प्रकृति एक ही सीक्के के दो पहलू हैं। जनसामान्य के लिए जो प्रकृति है, उसे विज्ञान में पर्यावरण कहा जाता है। ‘परी+आवरण’ यानी हमारे चारों ओर जो भी वस्तुएं हैं, शक्तियां, जो हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं, वे सभी पर्यावरण बनाती हैं। मोटे तौर पर जल, हवा, जंगल, जमीन, सूर्य का प्रकाश, रात का अंधकार और अन्य जीव जंतु सभी हमारे पर्यावरण के भिन्न तथा अभिन्न अंग है। जीवित और मृत को जोड़ने का काम सूर्य की शक्ति करती है।

प्रकृति जो हमें जीने के लिए स्वच्छ वायु, पीने के लिए साफ शीतल जल और खाने के लिए कंद-मूल-फल उपलब्ध कराती रही है, वही अब संकट में है। आज उसकी सुरक्षा का सवाल उठ खड़ा हुआ है। यह धरती माता आज तरह-तरह के खतरों से जूझ रही है।

अन्यथा सूखते जल स्रोत, नमी मुक्ति सूखती धरती, घटती आक्सीजन के साथ घटते धरती के प्रमुख तत्व, बढ़ता प्रदूषण, बढ़ती व्याधियां, पिघलते ग्लेशियरों के कारण बिन बुलाए मेहमान की तरह प्रकट होती प्राकृतिक आपदाएं मानव सभ्यता को कब विलुप्त कर देंगी, पता नहीं चल पाएगा। आवश्यकता है वैश्विक स्तर पर पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ प्रस्फुटित संतुलन का एकनिष्ठ भाव निहित हो।

सधन्यवाद ।

भवदीय,

शोभना शर्मा

पीतमपुरा, दिल्ली ।

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