Hindi, asked by harshitmodi2142, 11 months ago

Paryavaran ki Drishti se Pashu pakshiyon ka Sanrakshan Kyon avashyak Hai is Vishay per Apne vichar vyakt Karen​

Answers

Answered by ashutoshshukla39
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Explanation:

भारत विशाल देश है। इसमें पशु पक्षी भी नाना प्रकार, रंग रूप तथा गुणों के पाए जाते हैं। कुछ बृहदाकार हैं तो कुछ सूक्ष्माकार। भारत के प्राचीन ग्रथों में पशुपक्षियों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उस समय उनका अधिक महत्व उनके मांस के कारण था। अत: आयुर्वेदिक ग्रंथों में उनका विशेष उल्लेख मिलता है। प्राचीन ग्रंथों में उन्हें दो प्रमुख वर्गों, १. जंगल और २. आनूप, में विभक्त किया गया है। जंगल में रहने वाले पशुपक्षियों के पाँच भेद थे। जांगल पशुपक्षियों के आठ भेद थे: १. जंघाल (जांघ के बल चलनेवाले), २. बिलस्थ (बिल में रहनेवाले), ३. गुहाशय (गुफा में सोनेवाले), ४. परामृग (वृक्षों पर चढ़नेवाले), ५. विष्किर (कुरेदकर खानेवाले), ६. प्रतुद (चोंच से पदार्थ नोचकर खानेवाले), ७. प्रसह (जबरदस्ती छीन कर खानेवाले), ८. ग्राम्य (गाँव में रहनेवाले)। आनूप पशुपक्षियों के पाँच भेद थे: १. कलेचर (नदी आदि के कूल पर चलने वाले), २. प्लव (जल पर तैरनेवाले), ३. कौशस्थ (ढक्कन के मध्य रहनेवाले), ४. पादी (पाँववाले जलजंतु), तथा ५. मत्स्य (मछली आदि)।

निम्नलिखित पशुपक्षियों का वर्णन हिंदी विश्वकोश में यथास्थान हुआ है। अजगर, उष्ट्र, ऊद, कछुआ, कपोत, कपोतक, (पंडुक), कस्तूरी, कस्तूरीमृग, कलविंकक, कुत्ता, कोकिल, खंजन, गवल, गिद्ध, गिलहरी, गेंडा, गौर, गौरैया, गोह, घड़ियाल, चकोर, चक्रवाक, चमरी, चमगादड़, चातक, चित्रगर्दभ, चींटी, चीता, चील, छिपकली, जलकाक जलपरी, टिड्डी, तेंदुआ, तोता, त्रिखंड, दिमक, धेनश, नाग, नागराज, नीलगाय, बाघ, बिच्छू, बिल्ली, बुलबुल, भालू, भेड़, भैंसा, महाश्येन, मैना, मोर, बानर, शशक, श्येन, सिंह, सूअर और हाथी।

अन्य कुछ पशुपक्षियों का संक्षिप्त वर्णन यहाँ दिया जा रहा है। ये हैं विभिन्न प्रकार के पक्षी और कुछ स्तनधारी जीव। इनमें अधििक महत्व के हैं: कौआ, चर्खी या सातभाई (Seven sisters), शामा (Shama), भुजंगा (King crow), दर्जिन चिड़िया (Tailor bird), बया, मुनिया, लालतूती (Rose finch), अबाबील (Swallow), भरुत (Skylark), चंडुल, शकरखोरा, कठफोड़वा, नीलकंठ, बसंता, महोखा, या कुकुम, पतरिंगा (Bee eater), हुदहुद, हरियल, भटतीतर, बटेर, चित्रतितिर, श्वेत उलूक, शाशोलूक। जलचर पक्षियों में हंस, महाहंस, बनहंसक, तथा अन्य हंसक, बंजुल और मंजुक, क्रौंच, सारस, खरक्रोव, गंगाकुररी (Indian river tern), सामान्य कुररी, कुररिका (Common tern), वलाक (Flamingo), लघुवलाक और सर्पपक्षी प्रमुख हैं। भारत के स्तनधारी पशुओं में कुछ महत्व के हैं: शर्मीलीबिल्ली (Sow loris), उड़न लोमड़ी (Flying fox), छछुंदर मोल, काँटेदार चूहा (Hedgehog), पंडा (Panda), बिज्जु, बघेरा और तेंदुआ, लिंक्स (Lynx), लकड़बग्घा (Hyaena), भेड़िया (Wolf), गीदड़, लोमड़ी (Fox), नेवला, ह्वेल, सूंस, डॉल्फिन, ड्यूगांग (Dugong), साही (Porcupine), गिनीपिग, गधा खच्चर, वनमहिष, वज्रदेही (Pangolin)।

भृ० ना० प्र०

कौआ शखाशायी पक्षियों के कार्विडी (Corvidae) कुल का कॉर्वस जाति का प्रसिद्ध पक्षी है। वैसे तो इसकी कई जातियाँ हैं, किंतु उनकी आदतों में परस्पर अधिक भेद नहीं होता। कौए संसार के प्राय: सभी भागों में पाए जाते हैं।

कौआ लगभग २० इंच लंबा, गहरे काले रंग का पक्षी है, जिसके नर और मादा एक ही जैसे होते हैं। ये सर्वभक्षी पक्षी हैं, जिनसे खाने की कोई भी चीज नहीं बचने पाती। चलाकी और मक्कारी में कौआ सब पक्षियों के कान काटता है और चोरी में तो कोई भी चिड़िया इससे होड़ नहीं कर सकती। इसकी बोली बहुत कर्कश हेती है, किंतु सिखाए जाने पर आदमी की बोली की नकल भी कर लेता है।

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