paryavaran ki shudata aur manav pe nibandh
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भूगोल में प्रायः मानव तथा पर्यावरण के पारस्परिक संबंध का अध्ययन किया जाता है । अमेरिका की प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता मिस सेम्पल के अनुसार ‘मानव अपने पर्यावरण की उत्पत्ति है। सन् 1859 में प्रसिद्ध वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के अनुसार मानव अपने पर्यावरण में संघर्ष करके वर्तमान स्वरूप में पहुँचा है ।
भूगोल में डार्विन के संघर्ष सिद्धान्त का सबसे पहले एफ. रेटजिल ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ऐंथरोपोज्योग्राफी में किया था । रेटजिल महोदय ने मानव एवं पर्यावरण के संबंध में निश्चयवाद विचारधारा को जन्म दिया । निश्चयवाद विचारधारा के अनुसार मानव एवं पारस्परिक संबंध में पर्यावरण एवं प्रकृति सक्रिय है और मानव निष्क्रिय अर्थात् मानव की उन्नति, अवनति एवं विकास की दर पर्यावरण पर निर्भर रहती है । दूसरे शब्दों में, मानव के भाग्य का निर्धारण प्रकृति एवं पर्यावरण करता है ।