Hindi, asked by ankit11030, 9 months ago

Paryavaran par nibandh in Hindi​

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Answered by messb234
6

Answer:

प्रकृति मानव जाति का एक महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग है। यह मानव जीवन के लिए सबसे बड़ा आशीर्वाद है; हालाँकि, आजकल मनुष्य इसे पहचानने में विफल हैं। प्रकृति कई कवियों, लेखकों, कलाकारों और बहुत से लोगों की प्रेरणा रही है। इस उल्लेखनीय रचना ने उन्हें इसकी महिमा में कविताएँ और कहानियाँ लिखने के लिए प्रेरित किया। वे वास्तव में प्रकृति को महत्व देते हैं जो आज भी उनके कार्यों को दर्शाता है। अनिवार्य रूप से, प्रकृति वह सब कुछ है जो हम अपने द्वारा पीए गए पानी की तरह घिरे हुए हैं, जिस हवा में हम सांस लेते हैं, जिस सूरज में हम सोते हैं, पक्षियों को हम चहकते हुए सुनते हैं, चंद्रमा हम पर और अधिक टकटकी लगाते हैं। इन सबसे ऊपर, यह समृद्ध और जीवंत है और इसमें जीवित और निर्जीव दोनों चीजें हैं। इसलिए, आधुनिक युग के लोगों को भी यातना के लोगों से कुछ सीखना चाहिए और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए प्रकृति का मूल्यांकन करना शुरू कर दें।

Answered by sathsetty
2

Answer:

Explanation:पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता और सुधीपर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता और सुधीपाठकों को जागरूक करने की।

सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं से मिलकर बनी इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर निर्भर करती और संपादित होती हैं। मनुष्यों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। इस प्रकार किसी जीव और पर्यावरण के बीच का संबंध भी होता है, जो कि अन्योन्याश्रि‍त है।

मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसमें पहला है प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण। यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता और न्यूनता के अनुसार है।

पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता और सुधी पाठकों को जागरूक करने की।

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