Paryavaran Sanrakshan Mein pakshiyon ka mahatva per nibandh
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पर्यावरण की दृष्टि से पशु पक्षियों का संरक्षण आवश्यक है। पशु पक्षी सुरक्षित रहेंगे तो पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
यह दुनिया, यह सृष्टि, यह प्रकृति केवल मानव के लिए नहीं है बल्कि इसमें सबके लिए बराबर व समान जगह है। इस प्रकृति की अवस्था खुद इस तरह है कि यह एक चक्र का निर्माण करती है जो हर प्राणी एवं इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पशु-पक्षी भी इसी चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कोई भी प्राणी इस संसार में व्यर्थ नहीं है सब प्रकृति के विकास में कोई ना कोई योगदान अवश्य देते हैं। अतः पशु पक्षियों की संख्या से पर्यावरण का प्रभावित होना निश्चित है।
हम एक उदाहरण लें तो जो हिंसक जानवर हैं जो अन्य पशुओं को खाते हैं। शाकाहारी जानवर पेड़-पौधों को खाते हैं। हम मानव भी पेड़ पौधों को खाते हैं । कुछ पक्षी कीट-पतंगों को खाते हैं। इस तरह हर इस प्रकृति में हर जीव के लिए भोजन का कोई ना कोई स्रोत उपलब्ध है। यदि प्रकृति का यह चक्र यू नहीं चलता तो किसी एक प्रजाति के प्राणियों की मात्रा अधिक हो सकती थी।
चील-कौवे अनविष्ट, शव आदि को खाकर सफाई का कार्य करते हैंं। इस प्रकार कुछ पशु-पक्षी इसी तरह पर्यावरण सफाई संतुलन कायम रखने में मदद करते हैं। यदि ये न रहेंगे तो पर्यावरण का संतुलन बिगड़ सकता है। अतः पर्यावरण के संरक्षण के लिये पशु-पक्षियों का संरक्षण अति आवश्यक है।