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Answers
पर्यावरण संरक्षण के लाभ
1. बिजली की बचत
ग्रीन होम में रहते हुए खरीदारों को कई तरह के फायदे मिलते हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है बिजली की बचत. ज्यादा खपत के चलते गर्मियों में अक्सर बिजली और पानी का बिल बढ़ जाता है. ग्रीन होम का निर्माण इस तरह से किया जाता है कि उन्हें प्राकृतिक रोशनी और हवा मिले. बिजली की मांग को कम करने के लिए इनमें सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है. इससे बिजली का बिल कम करने में मदद मिलती है.
2. पानी की बचत
बढ़ते प्रदूषण और आबादी ने पानी के स्रोतों पर दबाव डाला है. कई शहरों में पानी की पहले से ही किल्लत है. इसलिए इसे बचाना महत्वपूर्ण है. वॉटर हार्वेस्टिंग जैसे तरीके पानी की लागत को 30 से 50 फीसदी तक कम कर सकते हैं. ग्रीन होम न केवल पानी की लागत को घटाता है, बल्कि इस सीमित प्राकृतिक संसाधन को बचाने में भी मदद करता है.
बेंगलुरु के वैज्ञानिक एआर शिवकुमार अपने घर में पाइप्ड वाटर सप्लार्इ का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वह कहते हैं कि किसी भी शहर के संसाधन सीमित हैं. इन्हें संभालकर खर्च करने की जरूरत है.
3. अच्छी आबोहवा
घर में अच्छी आबोहवा का आनंद लेने के लिए महत्वपूर्ण है कि उसे इस तरह बनाया गया हो कि उसमें हवा आने-जाने का रास्ता कहीं बाधित नहीं होता हो. घर में पौधे हवा को साफ करते हैं. इसलिए पौधे जरूर लगे होने चाहिए. शेड्स का इस्तेमाल कर गर्मी के थपेड़ों को रोका जा सकता है. सोलर चिमनी और एग्ज्हौस्ट फैन भी हवा की गुणवत्ता को बढ़ा देते हैं.
शिवकुमार कहते हैं कि आप प्रकृति के जितना करीब जाते हैं, वह भी आपके पास उतना ही करीब आती है. पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को अपनाना हम सबके फायदे में है.
4. प्राकृतिक रोशनी
घर में प्राकृतिक रोशनी आने का सबसे बड़ा रास्ता हैं खिड़कियां. आपको घर की खिड़कियां चौबीस घंटे बंद करके नहीं रखनी चाहिए. अलबत्ता इनके रास्ते सूरज की रोशनी घर में आने देनी चाहिए. अपने ड्रॉइंग रूम और बेडरूम में अधिकतम प्राकृतिक रोशनी आने का रास्ता खोलने के लिए आप प्राकृतिक पेंट और हल्के रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं. फिर रोशनी के लिए इलेक्ट्रिक अप्लायंस पर आपकी निर्भरता कम हो जाएगी.
5. स्वस्थ जीवनशैली में मददगार
जब सेहत का सवाल आता है तो जरूरी है कि घर में साफ हवा आती-जाती हो. वह प्रदूषण फैलाने वाले कैमिकल से मुक्त हो. ग्रीन होम में आपको स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखने में मदद मिलती है. पौधों और सौर ऊर्जा से घर के अंदर का वातावरण शुद्ध रहता है.
6. अच्छी रीसेल वैल्यू
ग्रीन होम केवल पर्यावरण अनुकूल ही नहीं होते हैं, बल्कि ये ज्यादा आकर्षक भी होते हैं. संभावित खरीदार को ये ज्यादा लुभाते हैं. कारण है कि ये कर्इ तरह के खर्चों को बचाते हैं. अगर ग्रीन होम अच्छी तरह से मेनटेन है तो उसकी रीसेल वैल्यू बढ़ जाती है.
पर्यावरण प्रदूषण से हानि
प्रस्तावना :
विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप हैं जो विज्ञान की कोख में से जन्मा हैं और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर हैं।
प्रदूषण का अर्थ :
प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना।
प्रदूषण कई प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण हैं - वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण ।
वायु-प्रदूषण :
महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला है। वहां चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआं, मोटर-वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छत से उतारने जाती है तो उन पर काले-काले कण जमे हुए पाती है। ये कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं! यह समस्या वहां अधिक होती हैं जहां सघन आबादी होती है, वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है।
जल-प्रदूषण :
कल-कारखानों का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गंधित जल सब नाली-नालों में घुल मिल जाता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती है।
ध्वनि-प्रदूषण :
मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परन्तु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।
प्रदूषणों के दुष्परिणाम:
उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लम्बी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण-प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है, न सर्दी-गर्मी का चक्र ठीक चलता है। सुखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है।
प्रदूषण के कारण :
प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है।
सुधार के उपाय :
विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।
पर्यावरण संरक्षण के लाभ:
- भूमि की रक्षा और संरक्षण की योजना कई लाभों के साथ आती है, जिसमें हवा और पानी की गुणवत्ता में वृद्धि, जैव विविधता में वृद्धि, आवासों का संरक्षण और ग्रीनहाउस गैसों (जीएचजी) में कमी शामिल है।
- शहरी वेंटिलेशन में सुधार आम तौर पर खुली जगह का परिणाम होता है।
- खुली जगह को संरक्षित करने और पार्कों की स्थापना के परिणामस्वरूप पेड़ों और अन्य पौधों को रखा जाता है, संरक्षित किया जाता है और अक्सर लगाया जाता है। इस वनस्पति की उपस्थिति से क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार होता है।
पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव:
- विषाक्त पदार्थों को कहां रखा गया है, इसके आधार पर जल संदूषण के अलग-अलग प्रभाव होते हैं।
- जल संदूषण से मनुष्य, पशु और समुद्री जीवन सभी गंभीर रूप से खतरे में हैं। व्यवसायों, अस्पतालों और व्यक्तियों द्वारा कचरे और रसायनों के कानूनी और अवैध डंपिंग के कारण, महानगरीय क्षेत्रों के पास के जल स्रोत अक्सर अत्यधिक दूषित हो जाते हैं।
- उच्च वायु प्रदूषण के स्तर से हृदय रोग, घरघराहट, खांसी, श्वसन संबंधी समस्याएं और त्वचा, नाक और गले में जलन का खतरा बढ़ सकता है।
- वायु प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, जिनमें दिल के दौरे, अस्थमा के दौरे और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं की संभावना शामिल है।
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