India Languages, asked by adityatodkar2005, 4 months ago

paryavaran santulan speech in hindi​

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Answered by stuprajin6202
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Answer:

यदि हम मात्र इतना ध्यान रखे कि ये पेड-पौधे नदिया-तालाब. वन्य-जीव हमसे पिछली पीढ़ी ने हम तक सुरक्षित पहुँचाया है । अतः हमारा दायित्व है कि हम इसे अपनी आने वाली पीढी तक सुरक्षित पहुँचाये । केवल इतना करने से ही विकास के नाम पर पर्यावरण को होने वाली क्षति समाप्त हो जायेगी ।

Answered by anjali9811sh
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प्रस्तावना: हम अगर हमारे चारों और देखे तो ईश्वर की बनाई इस अद्भुत पर्यावरण की सुंदरता देख कर मन प्रफुल्लित हो जाता है पर्यावरण की गोद में सुंदर फूल, लताये, हरे-भरे वृक्षों, प्यारे – प्यारे चहचहाते पक्षी है, जो आकर्षण का केंद्र बिंदु है आज मानव ने अपनी जिज्ञासा और नई नई खोज की अभिलाषा में पर्यावरण के सहज कार्यो में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है जिसके कारन हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है हम हमारे दोस्तों परिवारों का तो बहुत ख्याल रखते हैं परंतु जब पर्यावरण की बात आती है तो बस गांधी जयंती, या फिर स्वच्छ भारत अभियान, के समय ही पर्यावरण का ख्याल आता है लेकिन यदि हम हमारे पर्यावरण का और पृथ्वी के बारे में सोचेंगे इस प्रदूषण से बच सकते हैं।

पर्यावरण संरक्षण की परिभाषा:- हमारे भारत देश में भारतीय संविधान 1950 में लागू हुआ था परंतु पूरे तरीके से पर्यावरण संरक्षण से नहीं जुड़ा था। सन 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा ध्यान पर्यावरण संरक्षण पर गया और सरकार ने 1976 में संविधान में संशोधन कर नया अनुच्छेद जोड़े गए थे 48A तथा 51A (G ), जोड़े अनुच्छेद 48 सरकार को निर्देश देता है कि वह पर्यावरण की सुरक्षा करें और उनमें सुधार का काम करें और अनुच्छेद 51 A (G )नागरिकों के लिए है कि वह हमारे पर्यावरण की रक्षा करें।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय:- विश्व पर्यावरण संरक्षण अधिनियम संयुक्त राष्ट्र में पर्यावरण के लिए मनाया जाता है और यह एक उत्सव की तरह होता है। इस दिन पर्यावरण के संरक्षण के लिए जगह-जगह वृक्षारोपण किया जाता है हमारे देश में अक्सर ऐसा होता है कि कोई भी बड़ा कार्य होता है तो हम उम्मीद करते हैं कि वह सरकार करेगी जैसे पर्यावरण संरक्षण दुर्भाग्य से कुछ लोग मानते हैं कि केवल सरकार और बड़ी कंपनियों को ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ करना चाहिए परंतु ऐसा नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अगर अपनी अपनी जिम्मेदारी समझे तो सभी प्रकार की कचरा ,गंदगी और बढ़ती आबादी के लिए स्वयं उपाय करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी दे सकता है, लेकिन प्रगति के नाम पर पर्यावरण को मानव ने ही विकृत करने का प्रयास किया है, पर्यावरण व्यापक शब्द है जिसका सामान्य अर्थ प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण इसके अंतर्गत जल, वायु, पेड़, पौधे, पर्वत, प्राकृतिक संपदा सभी पर्यावरण सरक्षण के उपाए में आते है। ‘ गो ग्रीन(Go Green) ‘ कहने के लिए नहीं बल्कि करने में ज्यादा आसान होता है, आज पर्यावरण का ध्यान रखना हर व्यक्ति का कर्तव्य और जिम्मेदारी है।

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