Paryawadniye samasyao ko hal karne bahuvishyak drishtikod kese sahayak hai
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विद्यार्थी और प्रौढ़ को भी अक्सर गणित कठिन लगती है, क्योंकि वे गणितीय तथ्यों को वास्तविक जीवन से नहीं जोड़ पाते और न ही इसके विपरीत कर पाते हैं। शब्द समस्याओं को अक्सर वास्तविक जीवन और गणित की कक्षा के बीच अंतर को खत्म करने वाले पुल के रूप में देखा जाता है। यद्यपि दुनिया भर के विद्यार्थी शब्द समस्याओं वाली परीक्षाओं में अक्सर खराब प्रदर्शन करते हैं। जब विद्यार्थियों ने शब्द समस्याओं से संबंधित गणितीय प्रचालनों की तकनीकी क्षमताओं में महारत हासिल कर ली हो, तब भी उन्हें शब्द समस्याओं का समाधान करने के लिए आवश्यक इन तकनीकों को लागू करने में कठिनाई आ सकती है। (मोरेल्स और अन्य, 1985)। गणित में शब्द समस्याओं को लेकर होने वाली परेशानियों के संबंध में काफी अनुसंधान हुआ है।
इस इकाई में शब्द समस्याओं के साथ काम करते हुए शिक्षण को देखा गया है और आपको ऐसे सुझाव दिये गये हैं कि अपने विद्यार्थियों को गणितीय शब्द समस्याएं पढ़ने और लिखने में मदद कैसे करें। यह इकाई गणितीय प्रतिरूपण के विचार का प्रयोग करके आपके विद्यार्थियों को यह समझने में मदद करती है कि शब्द समस्याएं प्रतिरूप हैं और ज़रूरी नहीं कि वे दैनिक जीवन का प्रतिनिधित्व करती हों।
इस इकाई में प्रयुक्त कई शब्द समस्याएं एन.सी.ई.आर.टी. की कक्ष IX और X की पाठ्य पुस्तकों में दी गई शब्द समस्याओं पर आधारित हैं।