Hindi, asked by sheejatg56, 6 days ago

पसिल चेरी हो गयी लिखने बैठे और पाया कि पैन तो है ही नहीं इस अवसर पर गाँधीजी और एक बच्चे के बीच का वार्तालाप लिखें

Answers

Answered by siddharthbhasal15
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Explanation:

अपने हास्य और व्यंग्य से वे बड़े-बड़े लोगों को लाजवाब कर देते थे. वह खुलकर हंसते थे और हंसते वक्त ही पता चलता था कि उनके कई दांत उम्र के साथ ग़ायब हो चुके हैं.

महात्मा गांधी चुटीले सवालों का जवाब उसी चुलबुले अंदाज में देने माहिर थे. एक बार उन्होंने खुद कहा था 'अगर मुझमें हास्य-विनोद (सेंस ऑफ़ ह्यूमर) ना होता तो मैं अब तक आत्महत्या कर चुका होता.'

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