पशुको बाँधकर रखिा पड़ता ह, क्योंदक वह दिरंकुश ह | चाहे िहाँ-तहाँ चला िाता ह , इधर-उधर
महँु मार दतेा ह| क्या मिष्ुय को भी इसी प्रकार दसूरों का बन्धि स्वीकार करिा चादहए? क्या इससे
उसमेंमिष्ुय्व रह पाएगा| पशुके गलेकी रस्सी को एक हाथ मेंपकड़ कर और दसूरेहाथ मेंएक
लकड़ी लेकर िहाँ चाहो हाँककर ले िाओ| दिि लोगों को इसी प्रकार हाँके िािे का स्वभाव पड़
गया ह , दिन्हें कोई भी दिधर चाहे ले िा सकता ह , काम में लगा सकता ह , उन्हेंभी पशुही कहा
िाएगा| पशुको चाहेदकतिा मारो, चाहे दकतिा उसका अपमाि करो, बाद में खािे को दे दो, वह
पँछू और काि दहलािेलगगेा| ऐसे िर पशुभी बहुत सेदमलेंगेिो कुचलेिािेऔर अपमादित होिे
पर भी िरा-सी वस्तुदमलिेपर चर संतष्टु और प्रसन्ि हो िातेह| ैंकुत्तेको दकतिा ही ताड़िा दिेेके
बाद उसकेसामिेएक रुकड़ा डाल दो, वह झर से मार-पीर को भलू कर उसेखािेलगेगा| यदद हम
भी ऐसे ही हैं तो हम कौि हैं, इसे स्पष्ट कहिे की आवश्यकता िहीं| पशओु ंमेंभी कई पशुमार-पीर
और अपमाि को िहीं सहते| वे कई ददि तक दिराहार रहते हैं, कई पशओु ंिेतो प्रार् ्याग ददए, ऐसा
सिुा िाता ह| पर इस प्रकार केपशुमिष्ुय-कोदर के हैं, उिमेंमिष्ुय्व का समावेश ह, यदद ऐसा कहा
िाए तो कोई अ्युदि ि होगी|
तिम्ितितिि मेंसेतिदेर्ािुसाि सिाशतर्क उपयुक्त तिकल्पों का चयि कीतिए:-
(1) कई पशओु ंिेप्रार् ्याग ददए| क्योंदक:-
I. उन्हें दवद्रोह करिे की अपेक्षा प्रार् ्यागिा उदचत लगा|
II. उन्हेंदतरस्कृत हो िीवि िीिा उदचत िहीं लगा|
III. वह यह दशक्षा देिा चाहते थे की ्यार, मार पीर से अदधक कारगर ह |
IV. वह यह ददखािा चाहते थे दक लोगों को उिकी आवश्यकता अदधक ह ि दक उन्हें लोगों
की|
(2) बंधि स्वीकार करिेसेमिष्ुय पर क्या प्रभाव पड़ेंग-े
I. मिष्ुय सामादिक और व्यदिगत रूप सेकम स्वतंत्रहो िाएगा|
II. मिष्ुय्व मेंव्यदिगत इच्छा व दिर्णय का त्व समाप्त हो िाएगा|
III. मिष्ुय बँधेहुए पशुसमाि हो िाएगा|
IV. मिष्ुय की दिरकंुशता मेंपररवतणि हो िाएगा|
1
(3) मिष्ुय्व को पररभादर्त करिेहतेुकौिसा मल्ूय अदधक मह्वपर्ण ह ू ? :-
I. स्वतंत्रता|
II. न्याय|
III. शांदत|
IV. प्रेम|
1
(4) गद्ािंर् केअिुसाि कौि-सी उद्घोषणा की िा सकिी ै?
I. सभी पशओु ंमेंमिष्ुय्व ह|
II. सभी मिष्ुयों मेंपश्ुव ह|
III. मािव केदलए बंधि आवश्यक िहीं ह |
IV. माि-अपमाि की भाविा के वल मािव ही समझता ह |
1
(5) गद्यांश मेंिर और पशुकी तलुिा दकि बातों को लेकर की गई ह? -
I. दपरिे की क्षमता|
II. पँछू-काि आदद को दहलिा|
III. बंधि स्वीकार करिा|
IV. लकड़ी द्वारा हाँके िािा|
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Answers
Answer:
itna baha hai nahi samajh ae raha hai apmne notebook mai likho or send karo isme
Explanation:
पशुको बाँधकर रखिा पड़ता ह, क्योंदक वह दिरंकुश ह | चाहे िहाँ-तहाँ चला िाता ह , इधर-उधर
महँु मार दतेा ह| क्या मिष्ुय को भी इसी प्रकार दसूरों का बन्धि स्वीकार करिा चादहए? क्या इससे
उसमेंमिष्ुय्व रह पाएगा| पशुके गलेकी रस्सी को एक हाथ मेंपकड़ कर और दसूरेहाथ मेंएक
लकड़ी लेकर िहाँ चाहो हाँककर ले िाओ| दिि लोगों को इसी प्रकार हाँके िािे का स्वभाव पड़
गया ह , दिन्हें कोई भी दिधर चाहे ले िा सकता ह , काम में लगा सकता ह , उन्हेंभी पशुही कहा
िाएगा| पशुको चाहेदकतिा मारो, चाहे दकतिा उसका अपमाि करो, बाद में खािे को दे दो, वह
पँछू और काि दहलािेलगगेा| ऐसे िर पशुभी बहुत सेदमलेंगेिो कुचलेिािेऔर अपमादित होिे
पर भी िरा-सी वस्तुदमलिेपर चर संतष्टु और प्रसन्ि हो िातेह| ैंकुत्तेको दकतिा ही ताड़िा दिेेके
बाद उसकेसामिेएक रुकड़ा डाल दो, वह झर से मार-पीर को भलू कर उसेखािेलगेगा| यदद हम
भी ऐसे ही हैं तो हम कौि हैं, इसे स्पष्ट कहिे की आवश्यकता िहीं| पशओु ंमेंभी कई पशुमार-पीर
और अपमाि को िहीं सहते| वे कई ददि तक दिराहार रहते हैं, कई पशओु ंिेतो प्रार् ्याग ददए, ऐसा
सिुा िाता ह| पर इस प्रकार केपशुमिष्ुय-कोदर के हैं, उिमेंमिष्ुय्व का समावेश ह, यदद ऐसा कहा
िाए तो कोई अ्युदि ि होगी|
तिम्ितितिि मेंसेतिदेर्ािुसाि सिाशतर्क उपयुक्त तिकल्पों का चयि कीतिए:-
(1) कई पशओु ंिेप्रार् ्याग ददए| क्योंदक:-
I. उन्हें दवद्रोह करिे की अपेक्षा प्रार् ्यागिा उदचत लगा|
II. उन्हेंदतरस्कृत हो िीवि िीिा उदचत िहीं लगा|
III. वह यह दशक्षा देिा चाहते थे की ्यार, मार पीर से अदधक कारगर ह |
IV. वह यह ददखािा चाहते थे दक लोगों को उिकी आवश्यकता अदधक ह ि दक उन्हें लोगों
की|
(2) बंधि स्वीकार करिेसेमिष्ुय पर क्या प्रभाव पड़ेंग-े
I. मिष्ुय सामादिक और व्यदिगत रूप सेकम स्वतंत्रहो िाएगा|
II. मिष्ुय्व मेंव्यदिगत इच्छा व दिर्णय का त्व समाप्त हो िाएगा|
III. मिष्ुय बँधेहुए पशुसमाि हो िाएगा|
IV. मिष्ुय की दिरकंुशता मेंपररवतणि हो िाएगा|
1
(3) मिष्ुय्व को पररभादर्त करिेहतेुकौिसा मल्ूय अदधक मह्वपर्ण ह ू ? :-
I. स्वतंत्रता|
II. न्याय|
III. शांदत|
IV. प्रेम|
1
(4) गद्ािंर् केअिुसाि कौि-सी उद्घोषणा की िा सकिी ै?
I. सभी पशओु ंमेंमिष्ुय्व ह|
II. सभी मिष्ुयों मेंपश्ुव ह|
III. मािव केदलए बंधि आवश्यक िहीं ह |
IV. माि-अपमाि की भाविा के वल मािव ही समझता ह |
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(5) गद्यांश मेंिर और पशुकी तलुिा दकि बातों को लेकर की गई ह? -
I. दपरिे की क्षमता|
II. पँछू-काि आदद को दहलिा|
III. बंधि स्वीकार करिा|
IV. लकड़ी द्वारा हाँके िािा|
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