Hindi, asked by sheikhnasir75871, 2 months ago

पश्न 1. श्रद्धालु मंदिर क्यों जाते हैं ?​

Answers

Answered by sattus222
0

Answer:

सद्गुरु: भारतीय मंदिरों में जाने के लिये कुछ मूल निर्देश होते हैं। दक्षिण में इन निर्देशों का आज भी पालन होता है। आज भी लोग जानते हैं कि जब वे मंदिर में जाते हैं तब उनकी प्रार्थनायें, उनकी मांगें महत्वपूर्ण नहीं हैं। वे बस कुछ समय वहाँ शांति से बैठते हैं - क्योंकि मंदिर एक बैटरी चार्ज करने के स्थान जैसा है। हमनें अलग अलग उद्देश्यों के लिये, अलग अलग प्रकार के मंदिर बनाये। पर अब, दुर्भाग्यवश, लोगों ने यह अर्थ निकालना शुरू कर दिया है कि मंदिर प्रार्थनास्थल हैं। मंदिर प्रार्थना करने के स्थान नहीं हैं, कुछ मांगने की जगह नहीं हैं। आप को यहाँ सिर्फ दर्शन करना चाहिये। दर्शन का अर्थ है बस निहारना, क्योंकि वहाँ के देवी या देवता को एक खास ज्यामिति और विशेष प्रकार की पूर्णता के साथ बनाया गया है।

मंदिरों के बारे में मूल विचार ये है कि आप बस वहाँ बैठें और दर्शन करें, जिसका अर्थ ये है कि मंदिर के देवी या देवता की छवि आप अपने अंदर उतार रहे हैं। ये एक शक्तिशाली आकार होता है जो एक विशेष विज्ञान के साथ बनाया गया है, और उसमें ऊर्जा के कुछ खास आयाम हैं। यदि आप इस आकार को अपने भीतर उतार लें, तो ये आप के अंदर रहेगा और बढ़ेगा। यही मंदिर में जाने का महत्व है - बस, वहाँ बैठना और ऊर्जा को आत्मसात करना। दुर्भाग्यवश, लोग यह सोचने लगे हैं कि उन्हें मंदिर जाना है क्योंकि भगवान के सामने अपनी माँगें रखनी हैं।

Similar questions