पश्न १. निम्नलिखितगद्यांश पढकर पूछे गए प्रश्नोंके उत्तर लिखिए।
शिक्षा का वास्तविक अर्थ और प्रयोजन व्यक्ति को व्यावहारिक बनाना होता है न कि शिक्षित होने के नाम पर
अहम और गर्व का हाथी उसके मन-मस्तिष्क पर बांध देना । हमारे देश में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जो शिक्षा नीति
और पदधति चली आ रही है, वह लगभग डेढ सौ साल पुरानी है ।इसने एक उत्पादक मशीन का काम किया है, इस
बात पर ध्यान नहीं दिया है कि इस देश की अपनी आवश्यकताएँ और सीमाएँ क्या है ?इस देश के निवासियों को किस
प्रकार को व्यावहारिक शिक्षा की आवश्यकता है? बस सुशिक्षितों की एक लंबी पंक्ति इस देश में खडी कर दी है, जो
किसी दप्तर में क्लर्क बनने का सपना देख सकते है।
प्रश्न-
१. शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
२. हमारी देश की शिक्षा -नीति कितनी पुरानी है ?
३ वर्तमान शिक्षा -पदधति के रहते व्यक्ति क्या सपना देख सकता है ?
साक्षर और स्वतंत्रता का विलोम लिखो।
५. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
खंड-ख (व्याकरण) (१६ अंक)
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उत्तर:
१). शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
⇒ शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को व्यावहारिक बनाना होता है न कि शिक्षित होने के नाम पर अहम और गर्व का हाथी उसके मन-मस्तिष्क पर बांध देना ।
२). हमारी देश की शिक्षा -नीति कितनी पुरानी है ?
⇒ हमारी देश की शिक्षा -नीति लगभग डेढ सौ साल पुरानी है ।
३). वर्तमान शिक्षा -पद्धति के रहते व्यक्ति क्या सपना देख सकता है ?
⇒ वर्तमान शिक्षा - पद्धति के रहते व्यक्ति किसी दप्तर में क्लर्क बनने का सपना देख सकते है।
४). साक्षर और स्वतंत्रता का विलोम लिखो।
- साक्षर - निरक्षर
- स्वतंत्रता - परतंत्रता
५). उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
⇒ गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक : 'शिक्षा पद्धति के दोष'
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