Hindi, asked by sanskritirachawar, 6 months ago

पशुओं के प्रति हमारी संवेदना कैसी होनी चाहिए​

Answers

Answered by pinkykeshri115
3

Answer:

pasuwo ko dhayan dena..pyaar se baatein krna..unka khayal rkhna..

Answered by Itzcreamykitty
5

Answer:

पशु-पक्षियों के प्रति सभी को संवेदनशील होना चाहिए। आप जैसा अपने बच्चों को सिखाते हैं, बच्चे भी वैसा ही सीखते हैं। यदि आप पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशील हैं, तो आपके बच्चे भी संवेदनशील होंगे। बेजुबान जानवरों की तकलीफ को देख उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। ये शिक्षा बच्चों को नईदुनिया गुरुकुल की कहानी दुश्मन नहीं, दोस्त बने के माध्यम से दी गई। गुरुकुल के अंतर्गत स्मॉल वंडर्स स्कूल में दुश्मन नहीं, दोस्त बनें कहानी संतोष राजपूत ने सुनाई। बच्चों ने इस कहानी को उत्साह के साथ सुना और जाना की हम भी छोटे-छोटे प्रयास करके पशु पक्षियों की मदद कर सकते हैं। घर के छतों में सकोरे में पानी, चावल के दाने डालकर रख सकते हैं। जिससे पक्षी आपके घर के छत पर बैठकर आराम से दाना पानी ले सकें। पहले गौरेया अक्सर हर घर के बाहर घोंसला बनाकर रहती थी। सुबह होते ही उनकी चहचहाहट सुनाई देने लगती थी। आधुनिक समय में लोगों के घर भी आधुनिक है। जिसमें झरोखे नहीं होते। पक्षियों को कोई अच्छी जगह नहीं मिलती। खाने के लिए दाना नहीं मिलता। जिससे उनकी संख्या कम होती जा रही है। हमें इस बारे में सोचना चाहिए। कैसे हम पशु पक्षियों की मदद कर सकते हैं।

यह भी पढ़ेंnextStory

Ram Mandir Bhoomi Pujan : कारसेवा के लिए 10 दिन में 700 किमी पैदल चलकर पहुंचे थे अयोध्या

घर पर रखते हैं सकोरे

गर्मी के दिनों में घर के छत में पक्षियों के लिए सकोरे रखते हैं। इसके साथ ही हर रोज चावल के दाने गैलरी में रखते हैं। ये मेरी मां करती हैं। यही वजह है कि मेरे घर पर गौरेया रोज आती हैं।

यह भी पढ़ेंnextStory

Ayodhya Ram Mandir : जबलपुर के सूपाताल में 53 वर्षों से चल रही राम नाम की साधना

परी जैन, छात्रा

घायल चिड़िया की बचाई जान

यह भी पढ़ेंnextStory

Indian Railways Updates : 1 जून से शुरू होगी जनशताब्दी और गोंडवाना एक्‍सप्रेस

घर के छत पर एक घायल चिड़िया आ गई थी, जो ठीक से उड़ नहीं पा रही थी। उसे घर के अंदर लाकर दवाई लगाई और उसे दो दिन तक दाना पानी दिया। जब वो ठीक हुई तो उसे उड़ा दिया।

अनुष्का नेमा, छात्रा

सीखा संवेदनशील होना

गुरुकुल की कहानी दुश्मन नहीं, दोस्त बने से सीखा कि हमें पशु पक्षियों की मदद करना चाहिए। जिस तरह से कहानी में मीरा ने पक्षियों के लिए चावल व पानी रखा था। वैसे ही हमें भी करना चाहिए।

निखिल पटेल, छात्र

कहानी अच्छी रही

गुरुकुल की कहानी दुश्मन नहीं, दोस्त बनो अच्छी लगी। कहानी से हमने सीखा कि कभी भी पशुओं को परेशान नहीं करना चाहिए। उनसे प्रेम कर उनकी मदद करना चाहिए।

Similar questions