पशुओं पर होने वाले अत्याचार पर निबंध
Answers
Explanation:
पशुओं के प्रति क्रूरता और क्रूरता निवारण अधिनियम
आज संसार में पशुओं का उत्पीडन जिस बुरी तरह से किया जा रहा है उसे देखकर किसी भी भावनाशील का ह्रदय दया से भरकर कराह उठता है। पशुओं पर होने वाला अत्याचार मनुता पर एक कलंक है। समस्त प्राणी-जगत में सबसे श्रेष्ट कहे जाने वाले मनुष्य का पशुओं के साथ क्रूरता करना कहाँ तक जायज़ है। साधारण-सी बात है कि संसार में रहने वाले सारे प्राणियों को उस एक ही परमिपता परमेश्वर ने जन्म दिया है। इस नाते वे सब आपस मैं भाई-बहन ही है, बुद्धि, विवेक तथा अधिकारों की दृष्टि से मनुष्य उन सबमे में बड़ा है और समस्त अन्य प्राणी उसके छोटे भाई-बहन है । बड़े तथा बुद्धिमान होने के कारण मनुष्य का धर्म है कि वह अपने छोटे जीव-जन्तुओ पर दया करे, उन्हें कष्ट से बचाए, पाले और रक्षा करे। किन्तु खेद है, कि बड़े भाई का कर्त्तव्य निभाने के बजाय मनुष्य उनसे क्रूरता का व्यवहार करता है। समता, दया एवं करुना के आधार पर ‘वसुधैव कुटुकम्’ का महान् सिद्धांत सनातन धर्मं समेत सभी धर्मो की आधारिशला है। यदि धर्म से दया तथा करूणा का निकाल दिया जाये तो वह एक महान् धर्म न रहकर न जाने कौन-सा रूप धारण कर ले। संसार के सारे धर्मो में जीवो पर दया करने का निर्देश दिया गया है। जब तक मनुष्य जीवो के लिए दया, और सनानुभुति नहीं रखेगा, भौतिक विकास तो हो संभव है लेकिन वास्तविक सुख-शांति नहीं मिल सकती । मनुष्य पशु पर कितना और किस – किस प्रकार से अत्याचार और उत्पीड़न करता है, इसको आये दिन सामान्य जीवन मैं देखा जा सकता है। और भी दुःख एवं खेद की बात है कि मनुष्य का यह अत्याचार उन्ही जीव-जन्तुओ पर चल रहा है जो उसके लिये उपयोगी, सेवक तथा सुख-दुःख के साथी तथा बच्चो की तरह ही भोले, निरीह और आज्ञाकारी है ।