Hindi, asked by shreyashsingh43, 7 months ago


३. पशु-प्रवृत्ति से क्या अभिप्राय है? मनुष्य को यह प्रवृत्ति क्यों नहीं अपनानी चाहिए?

Answers

Answered by saritasoni24
9

Answer:

मनुष्य पशु के समान है जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए सोचता है। ... ऐसे व्यक्ति को मरने के बाद भी कोई याद नहीं करता है इसलिए मनुष्य के अंदर पशु प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए उसे परोपकारी होना चाहिएI

पशु की यह प्रवृत्ति होती है कि वह आप ही आप चरता है, उसे दूसरों की चिंता नहीं होती । केवल अपनी सुख-सुविधाओं की चिंता करना मनुष्य को शोभा नहीं देता। अतः उसे इस पशु-प्रवृत्ति का अनुकरण नहीं करना चाहिए क्योंकि सच्चा मनुष्य तो वही कहलाता है जो परहित में आत्मबलिदान तक कर देता है।

हमें अपना जीवन परोपकार में व्यतीत करना चाहिए। सच्चा मनुष्य दूसरों की भलाई के काम को सर्वोपरि मानता है। हमें मनुष्य-मनुष्य के बीच कोई अंतर नहीं करना चाहिए। हमें उदार ह्रदय बनाना चाहिए। एक अन्य सन्देश वह यह भी देना चाहता है कि हमें धन के मद में अंधा नहीं बनाना चाहिए। मानवतावाद को अपनाना चाहिए।

Answered by manojnavodaya14
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Answer: जो केवल अपने स्वार्थ के लिए जिए वही पशु प्रवृत्ति है। हमें मानवता के साथ जीना चाहिए और परोपकार की भावना रखनी चाहिए । केवल अपने हित की भावना रखने से व्यक्ति, देश और समाज का कल्याण नहीं हो सकता ।

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