Hindi, asked by anwita712, 7 hours ago

पशुपक्षि यों के प्रति क्रूर व्यवहार न करनेकी सलाह देतेहुए अपनेमि त्र को एक पत्र लिखिए।​

Answers

Answered by sherakipuja
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Answer:

3/888, प्रेम मन्दिर,

पानीपत।

प्रिय सखा रोहित,

सप्रेम नमस्ते।

हम यहाँ कुशलतापूर्वक हैं। आशा है, तुम संपरिवार कुशलतापूर्वक होंगे। तुम्हारे पत्र से समाचार ज्ञात हुआ कि तुम अपना समय शिकार व फोटोग्राफी में व्यतीत करते हो। सामाचार-पत्र में तुम्हारे साहस व योग्यता का वृतान्त पढ़ा। पढ़कर गर्व हुआ। सुनो रोहित ! निशानेबाजी का शौक अच्छा है। यदि उसे केवल शौक ही समझा जाये। असहाय जीवों पर निशाना लगाना ठीक नहीं। यदि पशु को मार भी दिया जाए, तो मेरी नजर में इसे महान् कार्य नहीं कहा जा सकता। आजकल वन्य-जीव संरक्षण सप्ताह मनाया जा रहा है। उन पशुओं के संरक्षण की व्यवस्था की जा रही है। यदि इसी प्रकार पशु शिकार होते रहे तो एक दिन जंगल पशुओं से खाली दिखाई देंगे। एक ओर हम इनकी रक्षा करते हैं। और दूसरी ओर इनका शिकार करते हैं। यह बड़ी ही दुखद बात है। वनों के प्राकृतिक वातावरण में इन्हें विचरण करते देख हमें अति आनन्द प्राप्त होता है। मुझे आशा है कि तुम्हें मेरी बातें समझ में आ रही होगी। तुम शिकार करने की अपेक्षा उनका संरक्षण करोगे, यह मेरी आशा है। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम मेरी बातों का बुरा न मानकर उन पर अमल करोगे। शेष बातें मिलने पर होंगी। परिवार में माता-पिता को चरण-वन्दना और सरिता को प्यार देना।

तुम्हारा प्रिय मित्र,

आशीष मिगलानी

दिनांक : 1 अप्रैल, 1999

Answered by sulakherishikesh2
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Explanation:

प्रिय सखा रोहित,

सप्रेम नमस्ते।

हम यहाँ कुशलतापूर्वक हैं। आशा है, तुम संपरिवार कुशलतापूर्वक होंगे। तुम्हारे पत्र से समाचार ज्ञात हुआ कि तुम अपना समय शिकार व फोटोग्राफी में व्यतीत करते हो। सामाचार-पत्र में तुम्हारे साहस व योग्यता का वृतान्त पढ़ा। पढ़कर गर्व हुआ। सुनो रोहित ! निशानेबाजी का शौक अच्छा है। यदि उसे केवल शौक ही समझा जाये। असहाय जीवों पर निशाना लगाना ठीक नहीं। यदि पशु को मार भी दिया जाए, तो मेरी नजर में इसे महान् कार्य नहीं कहा जा सकता। आजकल वन्य-जीव संरक्षण सप्ताह मनाया जा रहा है। उन पशुओं के संरक्षण की व्यवस्था की जा रही है। यदि इसी प्रकार पशु शिकार होते रहे तो एक दिन जंगल पशुओं से खाली दिखाई देंगे। एक ओर हम इनकी रक्षा करते हैं। और दूसरी ओर इनका शिकार करते हैं। यह बड़ी ही दुखद बात है। वनों के प्राकृतिक वातावरण में इन्हें विचरण करते देख हमें अति आनन्द प्राप्त होता है। मुझे आशा है कि तुम्हें मेरी बातें समझ में आ रही होगी। तुम शिकार करने की अपेक्षा उनका संरक्षण करोगे, यह मेरी आशा है। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम मेरी बातों का बुरा न मानकर उन पर अमल करोगे। शेष बातें मिलने पर होंगी। परिवार में माता-पिता को चरण-वन्दना और सरिता को प्यार देना।

तुम्हारा प्रिय मित्र

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