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उन्होंने अपना प्रेम सभी को समान रूप से वितरित किया है. उन्होंने कहा,” सबका कल्याण हो, सबका मंगल हो “. उन्होंने जो भी कहा है वह केवल बातों से नहीं कहा है अपितु दुख की वेदना से कहा है. उनका धैर्य देखकर, ममता देखकर, उनका संकल्प सिद्ध हो गया है, किंतु किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती से नहीं अपितु त्याग द्वारा, दुख द्वारा, तपस्या द्वारा वह अपने संकल्प में सफल हुए.
उपयुक्त गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
Q1-गांधी जी ने किस ने प्रेम किया?
Q2-गांधी जी अपनी बात किस तरह कहते थे?
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Answer:
gandhi ji na sabse prem kiya saman roop mai
2 . gandhi ji apni baat vadna sa kahta tha
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