Hindi, asked by avtarsingh0520, 7 months ago

पतंग के जन्म के बारे में ठीक-ठीक जानकारी तो इततहास में नहीं ममलती, पर कुछ ठोस

जानकारी के हहसाब से करीब दो हजार वर्ष पवू ष चीन में ककसी ककसान ने मजाक-मजाक में

अपनी टोपी में डोरी बााँधकर हवा में उछाल हदया था, और वह दतुनया की पहली पतंग बन गई.

बाद में कुछ चीनी व्यापाररयो से होते हुए यह ववश्वभर में प्रचमलत हो गई.

आज भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में होने वाले काईट उत्सव से हर कोई

पररचचत है. इस महोत्सव में भाग लेने के मलए हर वर्ष ववश्व के कोने-कोने से प्रततयोगी भारत

आते हैं. इन हदनों गुजरात की छठा ही तनराली होती है. आसमान में उडती रंग-बबरंगी पतंगें

मानो जादूसा कर देतीं हैं, हर कोई इस उत्सव में ख चं ा चला आता है. पूरा आसमान ववमभन्न

आकारों की रंग-बबरंगी पतंगों से भर जाता है.

दो हजार ग्यारह में देश की राजधानी हदल्ली के इंडडया गेट पर पतंगबाजी आईपीएल दो हदन

हुआ था. पहले हदन देश के कोन-ेकोने से आये ख लाड़ी पेंच लड़ाते नजर आये दसू रा हदन आम

लोगों के नाम हुआ. इस मुकाबले में महहलाओं को भी हुनर हद ने का मौक़ा ममला. वैसे तो

भारत में बच्चे गममषयों की छुट्टी में पतंग उड़ाते हैंककन्तुकई राज्यों में मकर-संक्ांतत, छब्बीस-

जनवरी एवं पंद्रह अगस्त को पतंग उड़ाई जाती हैं. ऊाँ ची ऊाँ ची उड़ती पतंग ख लाडड़यों के मन में

सकारात्मक ऊजाष प्रवाहहत करती हैतो नकारात्मकता स्वयं दरू हो जाती है. पतंगबाजी मानव को कल्पनाशील भी बनाती है. जजस प्रकार पतंग ववपरीत हवा में आसमान में

ऊाँची उड़ती है, वैसे ही ववपरीत पररजस्थततयों में ही मनुष्य के धयै ष तथा साहस की परीक्षा होती

है. पतंगबाजी से पूरे शरीर का व्यायाम भी हो जाता है.

प्रश्न 1- दतुनया की पहली पतंग के बारे में बताइए.(1)

प्रश्न 2-काईट उत्सव कहााँ मनाया जाता है?(1)

प्रशन 3- भारत में पतंग कब-कब उड़ाई जाती है?(2)

प्रश्न 4-आसमान में उड़ती पतंग हमें क्या सन्देश देती है?(2)

प्रश्न 5- स्ववववके से बताइए कक पतंगबाजी से हमारे पूरे शरीर का व्यायाम ककस प्रकार होता

है?

6. उपयुषक्त गदयांश का एक उपयुक्त शीर्कष मलख ए।​

Answers

Answered by khushisharma2711ks
0

Answer:

such what a big question

Explanation:

nice.....

Answered by sultanarmankhan786
0

Answer:

(i) चीन मे

(ii) अहमदाबाद मे

(iii)15 अगस्त, 26 जनुअरी, मेकर सक्रांति

(iv) उड़ती पतंग हमें कल्पनाशील होने का सन्देश देती है

(v) सोयम का काम सोयम करें धन्येवाद

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