Hindi, asked by Kehkasha, 11 months ago

...पत क माप पक्ष का पाराजा
यशश शाप
मैथिलाशरण गुप्त पा माप पक्ष का पा
(ख)
निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए :
क) निरगुन कौन देस को बासी
मधुकर कहि समुझाइ सौंह दै बूझति साँच न हाँसी!!
को है जनक, कौन है जननी, कौन नारि को दासी।
कैसे बरन भेस है कैसो, केहि रस में अभिलासी ।।
पावैगों पुनि कियो आपनो जो रे, कहैगो गाँसी ।।
सुनत मौन वै रह्यो ठग्यो सो सूर सबै मति नासी ।।
देखते देखा मुझे तो एक बार,
उस भवन की ओर देखा, छिन्न तार ।
देख कर कोई नहीं,
देखा मुझे उस दृष्टि से,
जो मार खा रोयी नहीं।
सजा सहज सितार
सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार
एक क्षण के बाद वह काँपी सुधर
ढुलक माथे से गिरे सीकर
लीन होते कर्म में फिर ज्यों कहा -
'मैं तोडती पत्थर'।​

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Answered by ak7151244
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Answer:

क्या करू रे सात के 12 dhdkfn डीजेडीएफ fdhdk ssdisb sjebd

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