पटाखों के दुष्प्रभाव बताते हुए मित्र के साथ संवाद
Answers
चाँद - अरे राम ! कहाँ जा रहे हो ?बड़े जल्दी में हो ?
राम - हाँ मित्र , दिवाली आ रही है तो पिताजी के साथ पटाखे लेने जा रहा हूँ ।
चाँद - तुम सच में पटाखे लेने जा रही हो ।
राम - हाँ भाई , तुम्हें भी मंगवाने है तोह बताओ मैं तुम्हरे लिए भी ले आऊंगा।
चाँद - तुम रहने ही दो ।पटाखों से वायु प्रदूषण के अलावा ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। पटाखों से निकली गैसें अनेक बीमारियों को जन्म देती हैं।मुझे तो नहीं चलने ।
राम - बिन पटाखे कैसे दिवाली ?
चाँद - दीपावली दीपों का पर्व है, पर पटाखों से दीपावली से पर्यावरण को नुकसान होता है।मैं तोह बार बार यही कहु गा तुम भी पटाखे मत चलाओ ।
राम - तुम अपना ज्ञान अपने पास रखो ।
चाँद - ठीक है ।चलता हूँ ।
Answer:
सक्षम - मैंने कल अखबार में एक ऐसी खबर पड़ी कि हैरान रह गया।
अक्षय - तुम किस समाचार की बात कर रहे हो?
सक्षम - मैंने अखबार में पढ़ा कि केवल दीपावली की रात को ही इतना प्रदूषण हो जाता है, जितना पूरे वर्ष के दौरान होता है।
अक्षय - क्या तुम सच कह रहे हो?
सक्षम - हां! हर दीपावली को ऐसा होता है और इसका कारण है - पटाखे।
अक्षय - पटाखे? मैं भी खूब पटाखे जलाता हूं और मेरी योजना इस बार भी पटाखे जलाने की है।
सक्षम - लेकिन, मैंने तय कर लिया है कि इस बार में पटाखे नहीं जलाऊंगा। पटाखे जलाने से लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं।
अक्षय - तुम्हारी बात सुनकर, मैंने भी निश्चय कर लिया है कि मैं भी पटाखे नहीं जलाऊंगा। आखिर अपने पर्यावरण की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
सक्षम - हां, तुमने बिल्कुल ठीक कहा।
अक्षय - हमें यह बात सबको बतानी चाहिए, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके।
सक्षम - शुभ काम में देरी कैसी? चलो।
अक्षय - हां, हां, चलो।