Hindi, asked by gurjot657, 5 months ago

पत्र
अस्लील विजापनी पर चिता व्यक्त को
हुर समाचार
पत्र के संपायक को पत्रा​

Answers

Answered by shinie40
3

Answer:

अब इस वक़्त तक तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) किसी परिचय की मोहताज तो बिल्कुल नहीं है. देश का बच्चा बच्चा इनकी गतिविधियों को जान चुका है. देश इनके द्वारा की गई एक ऐसी मूर्खता जिसका खतरा पूरे देश को है, को लेकर हैरत में है. संगठन एक के बाद एक नादानियां कर रहा है और सुर्खियां बटोर रहा है. ताजा मामला गाज़ियाबाद (Ghaziabad) का है. गाज़ियाबाद सीएमओ ने एक पत्र, गाज़ियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police ) को दिया है. पत्र में बताया गया है कि कैसे अस्पताल में इलाज करा रहे जमती (Jamaati Running Nude In Hospital) पूरे शासन प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए नियम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. पत्र में बताया गया था कि जमात के लोग अस्पताल में नंगे घूम रहे हैं और इलाज कर रही नर्सों को अश्लील इशारे करते हुए वार्ड में नंगे घूम रहे हैं. साथ ही इनके द्वारा बीड़ी सिगरेट और तंबाकू की भी डिमांड की जा रही है.

जमातियों पर प्रशासन भी सख्त हुआ है और इन्हें कड़ा सबक दिया गया है

बता दें कि बीते दिनों गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में 13 जमातियों को क्वारंटीन किया गया था. कुछ जमातियों पर आरोप था कि वे वार्ड में नर्सों और महिला कर्मचारियों के सामने पैँट उतार कर घूम रहे हैं और उनको अश्लील इशारे कर रहे हैं. मामला सुरक्षा से जुड़ा था इसलिए महिला मेडिकल स्टॉफ ने भी इसे गंभीरता से या और इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से की जिन्होंने मामले का संज्ञान लिया और इसकी जानकारी गाज़ियाबाद पुलिस को दी.

मामला चूंकि एक धर्म और उस धर्म के अंतर्गत जमातियों से जुड़ा था तो इसने फौरन ही धार्मिक रंग ले लिया और सोशल मीडिया पर लोग इनके बचाव में आ गए. इन जमातियों का समर्थन कर रहे लोगों का तर्क है कि इनके साथ एक बड़ी साजिश हुई है और इनपर व्यर्थ के आरोप लगाकर इन्हें फंसाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर मांग तेज़ हुई है कि यदि ऐसा था तो घटना का वीडियो या cctv फुटेज भी होगा जिसे रिलीज किया जाए ताकि सच सबके सामने आए.

मामले में वीडियो की डिमांड करते लोग

इस जानकारी के बाद किसी को विचलित होने की ज़रूरत नहीं है. इस मामले में भी वही हुआ है जिसकी उम्मीद की जा रही थी. एक ऐसे देश में जहां कामुकता हर समय लोगों पर हावी रहती है हमें इस वीडियो की डिमांड पर बिल्कुल भी हैरत में नहीं पड़ना चाहिए.

हम तमाम ऐसे किस्से सुन चुके हैं जहां ऐसी ऐसी घटनाओं के वीडियो न सिर्फ वायरल हुए बल्कि बाजारों में बिके जिनको देखकर सख्त से सख्त जान पिघल जाए. व्यक्ति की रूह कांप जाए. लोग किस हद तक जाहिल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश में ऐसे लोगों की एक बड़ी आबादी है जो बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के वीडियो पाने के लिए मोटी कीमतें चुकाने को हर समय तैयार रहते हैं.

जमातियों को समर्थन देते लोग

लोगों का दिमाग वासना की आग लगने के कारण किस किस हद तक सड़ चुका है इसका अंदाजा पोर्न हब के उस दावे से लगाया जा सकता है जिसमें अभी हाल के दिनों में लोग पोर्न हब पर ऐसे वीडियो ढूंढ रहे थे जिनकी थीम 'कोरोनावायरस' हो.

गाज़ियाबाद के इस मामले में जो बात सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है वो ये है कि यहां छेड़ छाड़ का शिकार हुई महिलाओं से 'प्रूव' मांगा जा रहा है. लोग कह रहे हैं कि हम देखेंगे तभी यकीन करेंगे.

हमें समझना होगा कि आगे जब इतिहास लिखा जाएगा ये मामला भी उसमें दर्ज होगा. आज जो बेशर्मी का परिचय देते हुए वीडियो मांगा जा रहा है ये उन महिलाओं और लड़कियों को धक्का है जिनके साथ अन्याय हुआ और जिन्होंने आवाज उठाने की सोची.

लोगों का कहना है की चाहे कुछ हो जाए वो वीडियो देखकर ही मानेंगे

कुल मिलाकर बात का सार बस इतना है कि उन लोगों को वाक़ई शर्म से डूब मरना चाहिए जो सबूत के नाम पर अपने मनोरंजन के लिए ऐसी घिनौनी हरकत कर रहे हैं. लोग बस इतना याद रखें कि छेड़ छाड़ किसी के साथ भी हो सकती है और यदि इस 'मांग' पर हम चुप्पी साध रहे हैं तो इससे उन महिलाओं को फर्क ज़रूर पड़ेगा जिनके साथ मौके बेमौके अन्याय हुआ और जो उस अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने के बारे में विचार कर रही हैं.

बहरहाल बात इन इंसानियत को शर्मसार करने वाले जमातियों की इस घिनौनी हरकत और प्रशासन के रवैये की हो. तो मुकदमा इनपर पहले ही दर्ज हो चुका था. बाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसका गम्भीरता से संज्ञान लिया और इन जमातियों पर एनएसए लगाकर हर उस शख्स को बड़ा पैगाम दिया है जो कोरोना वायरस और नियम कानून दोनों को हल्के में ले रहे हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से बिगड़ैल जमाती सुधरते हैं या नहीं इसका फैसला वक़्त करेगा. लेकिन जिस तरह से सख्ती दिखाई गई इससे उन लोगों में खौफ़ ज़रूर आएगा जो अब तक नियम कानून को लेकर बेफिक्र थे.

ये भी पढ़ें -

Maulana Saad के संदेश पर अक्षरशः अमल कर रहे हैं डॉक्टरों पर हमला करने वाले

क़िस्मत हो तो सिर्फ तब्लीगी जमात वालों जैसी...

निज़ामुद्दीन की तब्लीगी जमात मजहब फैला रही थी या

sorry

I use google

Similar questions