Hindi, asked by kantameena192, 7 months ago

.. पत्र भेजने के प्राचीन और वर्तमान साधनों में क्या अंतर आया है? इसका क्या प्रभाव हुआ है?
'पिता के पत्र पुत्री के नाम' तथा 'महात्मा और कवि' पुस्तकों का परिचय संक्षेप में दीजिए।
पत्रों का जवाब लिखने में महात्मा गाँधी और प्रेमचन्द्र के व्यवहार का परिचय दीजिए।​

Answers

Answered by lal876251
4

Answer:

Mujhe follow karo aur acche mein bataungi

Answered by mithu456
0
उत्तर:पत्र भेजने के प्राचीन और वर्तमान साधनों में काफी अतंर आ गया है प्रचीन काल में सदेश पहुचाने का कोई साधन नहीं था तब कबूतर ही संदेशवाहक का काम करते थे। संदेश एक चिट्ठी में लिखकर उसे एक नली में रखते और वह नली कबूतर के पैरों में बाँध दी जाती थी। इसके अतिरिक्त कबूतर को आवश्यक निर्देश भी दिए जाते थे।भातीय डाक प्रणाली भी काफी पुराना है राजा महाराजाओं की काल में कोई संदेश वाहक या दूत यह काम करता था। पत्र के माध्यम से हम संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाने का काम कर सकते हैं।संचार मानव की प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण है । यह विश्व के एक देश में बैठे लोगों को दूसरे देशों से जोड़ता है । आज मानव सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर है । इसका प्रमुख श्रेय संचार के आधुनिक साधनों को जाता है ।

संचार के क्षेत्र में मनुष्य की उपलब्धियों ने विश्व की दूरियों को समेटकर बहुत छोटा कर दिया है ।तार की खोज के साथ ही संचार के क्षेत्र में क्रांति का प्रारंभ हो गया । इसके द्‌वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ‘इलेक्ट्रॉनिक’ यंत्रों की सहायता से तार के माध्यम से संकेत प्रेषित किए जाने लगे । इसके पश्चात् ‘दूरभाष’ के आविष्कार ने तो संचार जगत में हलचल ही मचा दी ।

इसके द्‌वारा व्यक्ति घर बैठे सैकड़ों मील दूर अपने सगे-संबंधियों व परिजनों से बात कर सकता है । इसके साथ ही संचार को और अधिक सुचारू एवं सक्षम बनाने हेतु अनुसंधान प्रारंभ कर दिए गए ।अब तो फोन है मोबाइल है इनके द्वारा हम अपना संदेश एक जगह से दुसरी जगह भेज सकते हैं

व्याख्या:प्राचीन काल में संदेश पहुँचाने की सुविधाएँ नहीं थी। तब कबूतर ही संदेशवाहक का काम करते थे। संदेश एक चिट्ठी में लिखकर उसे एक नली में रखते और वह नली कबूतर के पैरों में बाँध दी जाती थी। इसके अतिरिक्त कबूतर को आवश्यक निर्देश भी दिए जाते थे।

Similar questions