Hindi, asked by jaswantSinghRajput, 8 months ago

पत्राचार से आप क्या समझते हैं ? पत्राचार के विभिन्न
प्रकार बताते हुये एक प्रभावशाली पत्र की विशेषताओं का
वर्णन कीजिए ।​​

Answers

Answered by Arpita1678
11

Answer:

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Explanation:

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पत्राचार का हिंदी में मतलब: परस्पर एक दूसरे को पत्र लिखना, अथवा आये हुए पत्रों के उत्तर देना। इस प्रकार लिखे हुए पत्र।

पत्राचार मुनुष्य की समाजशीलता का प्रमाण माना जाता है। इच्छाओं, आवश्यकताओं के साथ भावों और विचारों के परस्पर आदान-प्रदान के माध्यम से सामाजिक रिश्तों के निर्माण और निर्वहन में पत्राचार में महत्वपूर्ण योगदान होता है। निजी-व्यवहार और व्यावसायिक तथा प्रशासकीय कार्यों के लिए पत्राचार आवश्यक ही नहीं, एक अनिवार्य माध्यम रहा है। केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों में प्रयुक्त पत्रों की रचना-प्रक्रिया, शैली तथा भाषा की अपनी विशिष्ट परम्परा व पध्दति होती है। सामान्यत: सरकारी पत्र विशिष्ट ढ़र्रे पर चलते हैं, उनमें न तो स्वतन्त्र विचारों, भावों का स्थान होता है, न ही स्वतन्त्र शैली का, परन्तु युग परिवर्तन के साथ जिस प्रकार शासन-प्रणाली बदलती है, उसी प्रकार उसकी कार्य-पध्दति में भी बदलाव आना जरूरी है। अत: प्रशासनीक पत्र लिखने के कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ है--

१)सरलता:- आदर्श पत्र -लेखन की एक प्रमुख विशेषता उसकी सरलता होती है। दुर्बोध पत्र प्रेषक के समझ में उलझने पैदा करता है। अत: पत्र द्दारा कही जाने वाली बातों एवं तथ्यों को सीधे ढ़ग से और स्पष्ट शब्दों में कहा जाना चाहिए उनमें पांडित्य-प्रदर्शन करना मूर्खता हो सकता है।

२) स्पष्टता:- पत्र-लेखन का दूसरा महत्वपूर्ण सिध्दांत है, उसकी स्पष्टता पत्र में स्पष्टता लाने के लिए लेखन का विशेष शैली अपनानी जानी चाहिए। पत्र में लम्बे वाक्य-विन्यास तथा अत्यन्त कठिन शब्दों का कभी भी उपयोग नहीं करना चाहिए, वरना पत्र पढ़ते समय पाठक को शब्दावली या शब्दकोश सामने रखना पड़ सकता है, जो अमान्य, हास्यास्पद होगा। विद्वता प्रर्दशन के लिए जीवन एवं साहित्य में अनेक क्षेत्र खुले पडे़ है। अत: पत्र में प्रचलित शब्दों और छोटे-छोटे वाक्यों संज्योंना चाहिए।

३) संक्षिप्तता:- कोई भी कार्यालयीन पत्र संक्षिप्त होना बहुत जरूरी है। संक्षिप्तता पत्र की प्रभावोत्पादकता करती है। किसी भी पत्र में निबन्ध का स्वरूप नहीं होना चाहिए वरना मूल अभीष्ट बातों का संम्प्रेषण छूटकर अन्य बातों का ही प्रक्षेपण अधिक मात्रा में हो जायेगा संक्षिप्तता से प्रेषक तथा प्रेषिती दोनों को ही सुविधा होती हे। तथा संक्षिप्त पत्र में गलतियाँ अपेक्षाकृत कम होकर कथन के प्रभाव महत्ता में वृध्दि करती है।

४) शिष्टता:- कार्यालयीन पत्र ही नहीं , अपितु सभी प्रकार के पत्र-लेखन की भाषा शिष्ट तथा विनम्र होनी चाहिए । पत्र अगर नकारसूचक भी है, अर्थात पत्र द्दारा किसी बात को नकारात्मक भी कहना हो, तो उसे विनम्रतापूर्वक ही कहा जाना चाहिए ताकि पत्र पाने वाले के मन को चोट न लगने पाये। जनता तथा कर्मचारियों की माँगों एवं शिकायतों आदि का तुरन्त और उचित ध्यान देकर शीध्र निर्णय की सूचना तत्काल पत्र सम्बन्धियों को दी जानी चाहिए। इन बातों से जनता के मन में संतोष एवं सम्मान की भावना जाग्रत होगी।

५) प्रभावोत्पादकता:- शासकीय पत्र में भाषा, पद-विन्यास, वाक्य-विन्यास, विचार तथा भावों की ऐसी सुगठित अन्विती होनी चाहिए जिससे पत्र का प्रभाव प्रेषिती के मन पर पड़ सके। पत्र-लेखन में प्रभावोत्पादकता लाने के लिए पत्र-लेखक की शासकीय कार्यप्रणाली, सरकारी नीति तथा सम्बन्धित विषय की गहरी समझ होनी चाहिए। जहँ पर्यायवाची शब्द नहीं मिलते, वहाँ उटपटाँग हिन्दी शब्दों के बदले अंग्रेजी के ही प्रचलित शब्दों को देवनागरी लिपि में लिख देना उचित होगा।

पत्राचार के अलग-अलग रूप निशि्चत किए गये है। कार्यालयों में कभी साधारण पत्र ,तत्काल,अर्दध्-सरकारी, तार देना होता है।

Answered by franktheruler
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दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं

पत्राचार

पत्र लिखना संचार का एक माध्यम है। एक दूसरे को पत्र लिखना पत्राचार कहलाता है।

पत्राचार के विभिन्न प्रकार

- सामाजिक पत्र - ये पत्र सगे संबंधियों को लिखे जाते है जैसे बधाई पत्र, निमंत्रण पत्र, शुभ संदेश, परिचय पत्र आदि।

- व्यावहारिक पत्र - आज के अर्थ प्रधान युग में भाषा भी व्यावहारिक अथवा व्यवसायिक होनी चाहिए। व्यावसायिक संबंध बनाए रखने के लिए व्यावहारिक पत्र लिखे जाते हैं।

- सरकारी पत्र - शासकीय अधिकारी या कर्मचारी एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय पत्र लिखते है उन्हें सरकारी पत्र कहते हैं।

व्यावसायिक संस्थाएं लाइसेंस या परमिट के लिए सरकारी दफ्तरों में पत्र लिखती हैं। इन पत्रों के लिए प्रारूप तैयार करने होते है उसी आधार पर ये पत्र लिखे जाते हैं।

एक प्रभावशाली पत्र की विशेषताएं

  • भाषा में सरलता
  • विचारों में स्पष्टता
  • संक्षिप्तता
  • शिष्टता
  • प्रभावोत्पादकता
  • वैशिष्ट्य पूर्ण भाषा
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