पत्रों की दुनिया भी अजीबोगरीब है और उसकी उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जो
काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है। पत्र जैसा संतोष
फोन या एस०एम०एस० का संदेश कहाँ दे सकता है। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते
हैं और राजनीति, साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नयी घटनाओं की जड़
(5 अंक)
भी पत्र होते हैं।
इस गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम निम्नलिखित में से कौन-सा है ?
(क)पत्रों की दुनिया- अरविन्द कुमार सिंह (ख)पत्रों की रंग-बिरंगी दुनिया- अरविन्द कुमार सिंह
(ग)चिििठयों की दुनिया- हरिशंकर परसाई (घ)चिििठयों की अनूठी दुनिया- अरविन्द कुमार सिंह
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ha ha mujhe pata hai bas kuch bolo bas points ke liye kuch bhi type karo
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पत्रों की िुनन्य भी अजीबोगर ब हैऔर उसकी उप्ोगगतय हमेशय सेबनी रह है। पत्र जो कयम कर सकतेहैं, वह
सांचयर कय आधुननकतम सयधन नह ांकर सकतय है। पत्र जैसय सांतोर् फ़ोन ्य एसएमएस कय सांिेश कहयाँिेसकतय
है। पत्र एक न्य लसिलसिय शुरू करतेहैंऔर रयजनीनत, सयदहत्् तथय किय केक्षेत्रों मेंतमयम षववयि और नई
घटनयओांकी जड़ भी पत्र ह होतेहैं। िुनन्य कय तमयम सयदहत्् पत्रों पर कें दित हैऔर मयनव सभ््तय केषवकयस में
इन पत्रों नेअनूठी भूलमकय ननभयई है।
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