Hindi, asked by anitauttam348, 1 month ago

पत्र लेखन अभिनन्दन पत्र​

Answers

Answered by anshvanshtyagi4
1

Answer:

श्री गणेशाय नमः

आयुष्मती कुमारी ………(वधू का नाम) एवं आयुष्मान ……….. कुमार (वर का नाम)

के पावन परिणयोत्सव पर परमाआदरनीय श्री ……(वर के पिता का नाम और उनके गाँव का नाम)

 

एवं समस्त अतिथि प्रवर के पाणि पल्लव में सादर, सानुनय, सप्रेम समर्पित

 

 

आज हमारे अंचल का कण –कण शाश्वत स्नेही श्री राम की पावन चरण-विभूति से धन्य होता रहा है. उनके प्रेम से प्रवाहित उच्छल शब्द स्वर और चिरंतन सम्वाद आज भी कल – कल निनादिनी हिमालयसुता की पावनता लिए आप में उसी के मूर्त स्वरूप के दर्शन करते हैं. हमारे प्रेम में पीयूष का पराग भरे, ममता की माटी में सत्य –शिव –सुंदर के सपनों का साकार फल लगे, यही ईश्वर से अनुनय है. आप के स्वागत वन्दन- अभिनंदन इस तोरन-वन्दन द्वार की राग रंजिता राका अपने हर्षोल्लास का न तो पूर्ण विराम जानती और न ही अन्तस की सुकुमार अनु मूर्तियाँ-शब्दों के सीमन्त में समेकित हो पा रही हैं. सुदीर्ध सुगंधमयी वयार अपने सम्पूर्ण सुषमाओं के साथ अषाढ़ आह्लादित द्वार पर पलक पाँवरे बिछाये स्वागत लीन हैं. शरद की मादकता में उत्साह के स्नेहिल रंगों को भरते अनेकानेक मार्ग व्यवधानों को अपने पुलक स्पर्श से सहज करते आपने हमें सेवा का जो अवसर प्रदान किया उसके लिए हम चिरऋणी हैं.

तुम प्रिय पाहुन वन पगुधारे, सेवा जोग न भाग हमारे

करहुं कौन मुख एक प्रशंसा, जय महेश मन मानस हंसा

आदरणीय अभ्यागत

आप अनेक वरयात्रियों के साथ शहद की मादकता और मार्ग की धुल-धूसरा धरती की कठिनाईयों का सामना करते हुए कृपा पूर्वक पधारे, इसके लिए हम आपके चिर आभारी हैं. आपने ग्राम …… (गाँव का नाम) में पहुँच कर हमारे तंडुल को स्वीकार कर हमें गौरव दिया.अवश्य ही, हमारी अभ्यर्थना में कुछ अभाव रहे होंगे पर पुजारी की श्रद्धा का प्रयास उस का विभावपूर्ण थाल नहीं अन्तस की अमित पुजापा है. हमें विश्वास है कि आप उन त्रुटियों और अभावों पर ध्यान न देकर अपनी सहज उदारता और सदभाव से हमें कृतार्थ करेंगे.

 

आत्मीय समधी!

अतिथि देवोभव की वैदिकी अनुगूंज से अनुप्राणित आज अपनी लघुता में सम्पूर्ण ग्राम के स्नेह के साथ आप के पावन निर्देशन में अपने प्राणों के सरगम आत्मजा को अशेष विश्वास के साथ समर्पित करते हम आनन्द विह्वल हैं

रूपम- राजेश (वर वधू का नाम दे) का पाणिग्रहण लक्ष्य सुख सौभाग्य स्नेह पूरित हो, मधुमय मंगलमय हो.

परिणय निशा                                                                                                               हम है आपके स्नेह के आकांक्षी

दिनांक:  ………                                                                                                                घर के मुखिया का नाम

स्थान : ……..

Similar questions