Hindi, asked by niyatisharma355, 9 months ago

पत्र लेखन- अपने बड़े भाई या बहन को अपनी पर्वतीय यात्रा के बारे में बताते हुए अनौपचारिक पत्र लिखिए।

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Answered by harshraut2004
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Answer:

प्रिय भाई,

एक स्थान पर रहते-रहते जब इंसान का  मन ऊब जाता है तो वह इधर-उधर घूमकर अन्य प्रदेशों की सैर करके अपना मन बहलाता है।  पर्वतमालाओं की सैर करने का अपना अलग ही आनंद है। इस बार दशहरे की छुट्टियों में मेरी मित्र मंडली ने शिमला चलने का कार्यक्रम बनाया।  अपने माता-पिता से परामर्श करके मैंने भी उसमें जाना किया। बचपन से ही मेंरी  इच्छा था कि किसी पर्वतीय स्थान की यात्रा करू। 10 अक्टूबर  को हम सबने रेलगाड़ा द्वारा यात्रा शुरू की।

शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। यहाँ आधुनिक ढंग के मकान बने हुए हैं। शहर में कई सिनेमा घर है जो आकर्षण को और भी बढ़ाते हैं। मुझे स्केटिंग करने में बहुत  मज़ा आया। शिमला प्रवास के दौरान हमने राजभवन तथा इस नगरी का कोना-कोना छान मारा। हम वहाँ तीन दिन रहे।  तीन  दिनों में हमने दूर तक फैली प्रकृति की सुषमा का भरपूर आनंद लिया। ऊँची पर्वत मालाएँ, घाटियाँ, कई तरह  के पुष्पों से लदे वृक्ष देखकर ऐसा मन कर उठा कि सारी उम्र यहीं बिता दें।  पहाडियों की चोटियों से नीचे झाँकने पर गहरे गड्ढे ऐसे दिखाई देते मानो वे सीधे पाताल से संबद्ध हों। ये तीन दिन बड़ी मौज-मस्ती में कटे और तभी वापसी की तैयारियाँ शुरू कर दी गयीं। तीन दिन के प्रवास के बाद हम वहाँ से चल पड़े।  अबकी बार  हम बस द्वारा चले। बस से हमने ऊँची-नीची पहाड़ियाँ देखीं तथा चक्करदार साँपनुमा मोड़ देखे, जिनके नीचे गहरे गड्ढे थे। पर्वतों के आस-पास हरियाली, खेत में हमें आकृष्ट कर रहे थे।  परंतु हम धीरे-धीरे इस प्रदेश से दूर होते गए और अपने घर आ गए। आज भी मुझे वह यात्रा याद आती  है I

तुम्हारी शुभचिंतक,

अ.ब.क.

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