पत्र लेखन का नया प्रारूप औपचारिक और अनोपचारिक दोनों पत्र
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औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र
हिंदी में पत्र लेखन के इस लेख में औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र लिखने की विधिवत जानकारी दी गई है. पत्र के प्रकार के अलावा इस लेख में आपको पत्र के उदाहरण भी प्रस्तुत किए गए हैं. ताकि आप किसी भी परीक्षा में इस उदाहरण का उपयोग करके पूरे अंक प्राप्त कर सकें.
Hindi patra lekhan 2019 - 20 के लिए इन 5 सबसे महत्वपूर्ण युक्तियों को अपनाकर आप किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं. इन युक्तियों को हिंदी साहित्य में उच्चतम स्थान प्राप्त है.
1 - वार्तालाप
पत्र लिखते समय आप को यह ध्यान रखना है की जो पत्र आप लिख रहे हैं. पढ़ने वाले व्यक्ति को पत्र कितना समझ में आएगा. क्योंकि जब कोई पत्र पढ़ता है तो आप वहां पर नहीं होते हैं. आपका पत्र लेखन ऐसा हो की आप उसके सामने नहीं होते हुए भी उसको अनुभव दिलाते हों कि आपके उस के पास हैं.
2 - सरलता
सरल भाषा का उपयोग हमेशा अच्छा माना जाता है. लेकिन जटिल शब्दों का प्रयोग व उलझे हुए वाक्य, पाठकों को निरर्थक एवं उबाऊ बना देते है.
3 - निश्चयात्मकता
आपके द्वारा लिखे गए पत्र में निश्चयात्मकता होनी चाहिए. यदि पाठक को पत्र पढ़ने के बाद कोई शंका या दुविधा की स्थिति बनी रहती है तो पत्र लिखने का सारा उद्देश्य ही खत्म हो जाता है.
4 - संक्षिप्तता
संक्षिप्तता से अपनी पूरी बात लिखना ही अच्छा पत्र लेखन माना जाता है. वार्ता एवं संदेश का प्रयोग पत्र के अनुरूप ही करना चाहिए. एक बात को कई बार लिखना पत्र लेखन के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है.
5 - व्याकरण
पत्र लेखन में व्याकरण का एक महत्वपूर्ण स्थान है. अगर आप व्याकरण में गलती करेंगे तो आपके द्वारा लिखे गए पत्र को अच्छा माना नहीं जा सकता है. पत्र लिखते समय वाक्यों के व्याकरण पर ध्यान दें.
पत्र लेखन के प्रकार
यह भी तय करना आवश्यक है कि यह पत्र आप अपने किसी मित्र या से सहयोगी को लिख रहे हैं या किसी कार्यालय से संपर्क स्थापित करने के लिए लिख रहे हैं. इस आधार पर पत्र लेखन को दो वर्गो में विभाजित किया जा सकता है -
Patra ke Prakar
अनौपचारिक पत्र
औपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं
अनौपचारिक पत्र लेखन में ध्यान रखें की जिसको आप पत्र लिख रहे हैं उनसे आपका निजी परिचय है और उनसे व्यक्तिगत संबंध भी हैं. इस तरह के पत्र लेखन में व्यक्तिगत सुख-दुख का ब्योरा एवं विवरण के साथ व्यक्तिगत संबंध को उल्लेख किया जाता है.
अपने परिवार के लोग मित्र एवं निकट संबंधियों को इस तरह के पत्र लिखे जाते हैं.
पिता के नाम पत्र
मित्र के नाम पत्र
औपचारिक पत्र किसे कहते हैं
हिंदी औपचारिक पत्र, लेखन में ध्यान रखें की जिसको आप पत्र लिख रहे हैं उनसे आपका कोई निजी परिचय नहीं है. यदि आपका व्यक्तिगत लगाव या परिचय भी हो तो लेखन में वह व्यक्त नहीं होना चाहिए. औपचारिक पत्र लेखन में मुख्यतः संदेश, सूचना एवं तथ्यों का ही अधिक महत्व दिया जाता है.
औपचारिक - स्मृति, अशासकीय, द्रुत पत्र
इस प्रकार के पत्र संस्था के अधिकारी एवं कार्यालय के अधिकारी को लिखा जाता है.
पत्र लेखन नमूना
अनौपचारिक पत्र - पत्र लेखन नमूना
पत्र लेखन प्रारूप (फॉरमैट) पर ध्यान देना आवश्यक है. जो आपके पत्र लेखन को बिल्कुल आसान बना देता है. एक पुत्र अपने पिता जी को पत्र कैसे लिखता हैं. उदाहरण से समझाता हूं. पत्र के तीन भागों को अलग-अलग रंगों से रेखांकित किया गया है. इस पर ध्यान दें ताकि दूसरा अनौपचारिक पत्र आप आसानी से लिख सकें.
अनौपचारिक पत्र लेखन में
शीर्ष भाग में पता, दिनांक, संबोधन और प्रशस्ति आते हैं.
मध्य भाग में संदेश व कथा का विवरण होता है.
अंतिम भाग आभार सूचक वाक्य जैसे आप का, प्रणाम, धन्यवाद आदि का प्रयोग किया जाता है.
पिताजी को पत्र - अनौपचारिक पत्र Format
स्थान का नाम ………
तिथि …………
पूजनीय पिता जी,
सादर प्रणाम
कल ही संध्याकालीन भारतीय डाक से आपका पत्र मिला. आप सभी का कुशल-क्षेम जानकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई. यहां पर गौरव और मीनाक्षी भी ठीक हैं.
आपने अपने पत्र में परीक्षा की तैयारी के विषय में पूछा था. आपको बता दूं कि हमारी तैयारी पूरी हो चुकी है जो भी बचा है मैं समय रहते पूरा कर लूंगा. हमें कुछ और पुस्तक खरीदने की आवश्यकता है जो हमारी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उत्तम सिद्ध हो सकता है.
Answer:
this is informal letter patr