'पत्र लिखने का सिलसिला सदैव जारी रहना चाहिए' इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
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हर युग में पत्रों का बहुत महत्त्व हुआ करता था। प्राचीन काल में राजाओं-महाराजाओं के यहाँ विचारों के आदान-प्रदान के लिए पत्र-वहन की अपनी व्यवस्था थी। कबूतर जैसे पक्षी के माध्यम से भी पत्र भेजने का उल्लेख मिलता है। आम जनता के पत्र भेजने की सरकारी व्यवस्था थी। सरकारी हरकारे दूर-दराज के क्षेत्रों में पत्र पहुँचाने के लिए घोड़े और ऊँट आदि जानवरों का प्रयोग करते थे। आधुनिक काल में डाकघरों के माध्यम से पत्र भेजे जाते हैं। पर आजकल संचार माध्यम का बहुत तेजी से विकास होने के कारण संदेश भेजने के माध्यम में बहुत प्रगति हो रही है।
पत्रों के साथ ई-मेल से संदेश भेजने की प्रक्रिया खूब लोकप्रिय हुई। आजकल अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने में मोबाइल फोन अच्छा काम कर रहा है। पत्र (संदेश) भेजने के माध्यमों में समय के अनुसार बदलाव भले आता गया हो, पर पत्र (संदेश) का महत्त्व हमेशा बना रहेगा। सरकारी कामकाज तथा व्यवसाय के क्षेत्र में लेन-देन की बात भले फोन पर हो जाए, पर जब तक पत्र के माध्यम से लिखित रूप में कुछ नहीं होता, तब तक बात आगे नहीं बढ़ती है। इस तरह पत्र लिखने का सिलसिला सदा जारी रहा है और भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।