पत्र लेखन कितने प्रकार के होते हैं वर्णन कीजिए
Answers
पत्र लेखन दो प्रकार के होते हैं -
1. औपचारिक पत्र
2. अनौपचारिक पत्र
- औपचारिक पत्र एक निश्चित निर्धारित प्रारूप का पालन करता है। ऐसे पत्र आधिकारिक उद्देश्यों के लिए लिखे जाते हैं l
- अनौपचारिक पत्र अपने माता-पिता , परिजनों , दोस्तों या सगे संबंधियों को लिखा जाता है।
पत्र लेखन दो प्रकार के होते हैं :-
1) अनौपचारिक पत्र
2) औपचारिक पत्र
1) अनौपचारिक पत्र :- हम अपने मित्रों को पत्र लिखते हैं, परिवार के सदस्यों को पत्र लिखते हैं तथा अपने किसी परिचित को पत्र लिखते हैं।
इन लोगों को लिखे गए पत्र अनौपचारिक पत्र होते हैं।
‘अनौपचारिक’ शब्द से तात्पर्य है- किसी प्रकार की औपचारिकता का न होना अर्थात् कुछ कहने के लिए हमें किसी प्रकार की अनुमति न लेनी पड़े, या कुछ कहने के लिए धन्यवाद’ जैसे आभार-प्रदर्शन के शब्द न कहने पड़ें।
इसका कारण यह है कि इस तरह के अनौपचारिक पत्रों में पत्र लिखने वाले और पत्र पाने वाले के बीच नज़दीकी या घनिष्ठ संबंध होता है। यह संबंध पारिवारिक हो सकता है, दोस्ती का हो सकता है या जान-पहचान का भी हो सकता है।
इस तरह के पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहते हैं।
यह आप जान गए कि अपनों की भावनाओं से भरे हुए पत्र ही व्यक्तिगत पत्र कहलाते हैं|
ये भावनाएँ व्यक्ति और सूचनाओं के स्वरूप के साथ बदलती रहती हैं, जैसे कभी खुशी और कभी गम ।
इसी के साथ पत्र की लेखन-शैली भी बदल जाती है।
पत्र-लेखन के शिष्टाचार को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के पत्रों को बधाई-पत्र, धन्यवाद-पत्र, शुभकामना-पत्र, निमंत्रण-पत्र और संवेदना-पत्र में बाँटा जा सकता है।
2) औपचारिक पत्र :- जब दो लोगों के बीच व्यक्तिगत संबंध नहीं होते, कोई निजी जान-पहचान नहीं होती, तो ऐसे संबंधों को औपचारिक कहा जाता है।
उदाहरण के लिए, जब आप पुस्तकें मँगवाने के लिए किसी पुस्तक-विक्रेता को पत्र लिखते हैं, तब आप जानते हैं कि उस व्यक्ति के साथ आपके संबंध औपचारिक हैं।
उसे आप किसी निश्चित उद्देश्य से पत्र लिखते हैं।
इसी प्रकार, जब आप बैंक-मैनेजर को पत्र लिखते हैं या सफाई अधिकारी को पत्र लिखते हैं, तब भी आपका पत्र लिखने का कोई ख़ास उद्देश्य होता है।
ऐसी स्थिति में पत्र पाने वाला व्यक्ति महत्त्वपूर्ण नहीं होता, वह पदाधिकारी महत्त्वपूर्ण होता है।
वास्तव में, आप किसी सूचना, समस्या या अन्य किसी मुद्दे को लेकर इन्हें पत्र लिखते हैं और सिर्फ उसी विषय पर बात करते हैं।
ये औपचारिक पत्र या तो कार्यालय के काम-काज से संबंधित होते हैं या व्यावसायिक होते हैं।
दुकानदारों, प्रकाशकों तथा कंपनियों को लिखे जाने वाले पत्र व्यावसायिक पत्र कहलाते हैं।
ऐसे पत्रों का संबंध व्यक्ति के व्यवसाय से होता है।
जो पत्र किसी एक कार्यालय द्वारा किसी अन्य कार्यालय को भेजे जाते हैं, उन्हें कार्यालयी पत्र कहते हैं।
किसी कार्यालय द्वारा किसी व्यक्ति को या किसी व्यक्ति द्वारा किसी कार्यालय को भेजे गए पत्र भी इसी कोटि में आते हैं।