पत्र लेखन खेलों के महत्व को समझते हुए अपने छोटे भाई को प्रेरणादायक पत्र लिखिए
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Answer:
ब्रेनली
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दिनांक-27/01/2021
प्रिय राजू
बहुत प्यार,
मैं यहाँ कुशल मंगल हूँ।आशा है की,तुम भी अब स्वस्थ होगे।मुझे माँ से पता चला की तुम अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो।लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखना जरुरी है।स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही उचित नहीं है।स्वस्थ शरीर के लिये खेल जरुरी है।इसे करने से शरीर में रक्त-संचार सुचारु रूप से होते हैं।अत: तुम्हें खेल जैसे गतिविधियों में अवश्य भाग लेना चाहिए।क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है।
मुझे पुरा विश्वास है की तुम मेरी बात अच्छी तरह से समझ गये होगे और अमल भी करोगे।
एक बार पुन: प्रेम के साथ तुम्हारा.
प्रिय भाई
@LoveYouHindi
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आवश्यक सूचना-यह एक अनौपचारिक पत्र है।
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(1) 'सेवा में' लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
(2) विषय - जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
(3) संबोधन - जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
(4) विषय-वस्तु- इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
पहला अनुच्छेद – "सविनय निवेदन यह है कि" से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद – "आपसे विनम्र निवेदन है कि" लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
(5) हस्ताक्षर व नाम- धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
(6) प्रेषक का पता- शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
(7) दिनांक।
औपचारिक-पत्र के उदाहरण -
प्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र का प्रारूप-
- सेवा में,
- प्रधानाचार्य,
- विद्यालय का नाम व पता...
- विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
- महोदय जी,
- पहला अनुच्छेद …
- दूसरा अनुच्छेद …
- आज्ञाकारी/आज्ञाकारिणी शिष्य/शिष्या,
- क० ख० ग०
- कक्षा…
- दिनांक …
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1. पता- सबसे ऊपर बाईं ओर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।
2. दिनांक- जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है, उस दिन की तारीख।
3. विषय- (सिर्फ औपचारिक पत्रों में, अनौपचारिक पत्रों में विषय का प्रयोग नहीं किया जाता है |)
4. संबोधन- प्रापक (जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है) के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है। (जैसे कि बड़ों के लिए पूजनीय, पूज्य, आदरणीय आदि के शब्दों का प्रयोग किया जाता है और छोटों के लिए प्रिय, प्रियवर, स्नेही आदि का प्रयोग किया जाता है।)
5. अभिवादन- जिस को पत्र लिखा जा रहा है उसके साथ संबंध के अनुसार, जैसे कि सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार आदि |
6. मुख्य विषय- मुख्य विषय को मुख्यतः तीन अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए।
पहले अनुछेद की शुरुआत कुछ इस प्रकार होनी चाहिए- "हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।"
दूसरे अनुच्छेद में जिस कारण पत्र लिखा गया है उस बात का उल्लेख किया जाता है।
तीसरे अनुछेद में समाप्ति से पहले, कुछ वाक्य अपने परिवार व सबंधियों के कुशलता के लिए लिखने चाहिए। जैसे कि- "मेरी तरफ से बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद व प्यार
आदि"।
7. समाप्ति- अंत में प्रेषक का सम्बन्ध जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि"।
अनौपचारिक-पत्र का उदाहारण –
- (प्रेषक-लिखने वाले का पता)
- दिनांक …
- संबोधन …
- अभिवादन …
- पहला अनुच्छेद …(कुशल-मंगल समाचार)
- दूसरा अनुच्छेद …(विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है)
- तीसरा अनुच्छेद …(समाप्ति)
- प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध
- प्रेषक का नाम …
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format of aupcharik Patra in Hindi
https://brainly.in/question/6026915?l
पत्र:
दिल्ली
बेली रोड
दिनांक 17 सितंबर 2021
प्रिय वरुण
मेरी तरफ से बहुत सारा प्रेम
मैं आशा करती हूं तुम और तुम्हारे परिवार कुशल मंगल होंगे और मैं भी कुशल मंगल हूं I मुझे माता पिता का पत्र प्राप्त हुआ और मुझे जानकर बहुत खुशी हुई कि तुम पढ़ाई में बहुत ध्यान देते हो लेकिन दुख भी हुआ है कि माता-पिता ने बोला कि इसे पढ़ता रहता है खेलता नहीं है और खेलना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है इसलिए पढ़ाई के साथ खेलना भी चाहिए अगर तुम खेलते हो तो तुम्हारा मन शांत रहता है और तुम्हारा स्वास्थ्य बनाता है तो मैं बस यही कहना चाहती हूं कि तुम पढ़ाई भी करो और खेलो भी क्योंकि खेलना बहुत आवश्यक होता है तुम दोनों काम करो I
हम लोग हमेशा काम करते रहते हैं इसलिए हमारा शरीर भी थक जाता है उससे भी आराम चाहिए और शांति चाहिए तो शांति और आराम के लिए हम मनोरंजन करते हैं तो तुम्हें भी पढ़ाई के साथ-साथ मन रंजन करनी चाहिए कुछ खेलना चाहिए I
अगर तुम में हमेशा काम करते रहते हो तुम तुम एक दिन बीमार पड़ जाओगे इतने काम पर जैसे तुम अपने शरीर को आराम नहीं देते हो इसलिए I और इसी वजह से माता-पिता बहुत दुखी है वह चाहते हैं कि तुम खेलो भी दोनों ने मुझे पत्र भेजा और मुझे बहुत दुखी हुआ है यह सुनकर कि तुम अपना ख्याल नहीं रखते हो इसलिए मैंने तुम्हें यह पत्र लिखा है I
आशा करती हूं तुम्हें मेरी बात समझ आई होगी और तुम अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन भी करोगे I
धन्यवाद
तुम्हारी बड़ी बहन @AnswersQueen14